नई दिल्ली : नगालैंड में पिछले दिनों सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद यहां तनाव चरम पर है। इस घटना के बाद से पूर्वोत्तर के इस राज्य के कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (आफस्पा) को हटाने की मांग हो रही है। आफस्पा को वापस लिए जाने की तेज होती मांग के बीच केंद्र सरकार ने इन संभावनाओं पर गौर करने के लिए सचिव स्तर के अधिकारी विवेक जोशी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
नगालैंड के मोन जिले में 4 दिसंबर को गोलीबारी की घटना हुई थी, जब भारतीय सेना को उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में लोकसभा में बताया था कि सेना के 21 पैरा कमांडो दल ने उस जगह एक वाहन को रुकने का इशारा किया, जहां से उग्रवादियों के गुजरने की सूचना मिली थी। लेकिन संकेत के बाद भी गाड़ी नहीं रुकी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उनके उग्रवादी होने के संदेह में गोली चला दी। हालांकि बाद में यह गलत पहचान का मामला निकला।
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केंद्र ने गठित की समिति
इस घटना के बाद से नगालैंड के कई जिलों में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और इस विवादस्पद आफस्पा कानून को हटाए जाने की पहले से चली आ रही मांग और तेज हो गई है। इन मांगों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सचिव स्तर के अधिकारी विवेक जोशी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो इस बात की जांच करेगी कि नगालैंड से आफस्पा को हटाया जाए या नहीं।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में उन सैन्यकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संभावनाएं भी सामने आ रही हैं, जो मोन जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान में सीधे तौर पर शामिल रहे थे। जांच पूरी होने तक घटना में शामिल सैन्यकर्मियों को निलंबित किया जा सकता है।
सेना ने जारी किया बयान
इस बीच सेना ने गोलीबारी की घटना को 'दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा कि मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और इसे जल्द पूरी करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। सेना ने आश्वस्त किया कि 'सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने' के लिए कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। सेना ने राज्य के लोगों से 'धैर्य रखने और सेना की जांच के निष्कर्षों का इंतजार करने' को कहा।
घटना के बाद सेना ने इस मामले में एक मेजर जनरल के नेतृत्व में 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' का आदेश भी दिया था
नगालैंड के सीएम ने किया ट्ववीट
नगालैंड के सीएम ने रविवार को इस संबंध में ट्वीट कर मामले को गंभीरता से लेने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया। साथ राज्य में सभी वर्ग के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को नई दिल्ली में बैठक हुई। मामले को गंभीरता से लेने के लिए अमित शाह का आभारी हूं। राज्य सरकार सभी वर्गों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील करती है।'
नगालैंड से आफ्सपा हटाने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन के फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को हुई बैठक में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी शामिल रहे थे।