- इंडिया यूरोपीय संघ की बैठक मार्च में प्रस्तावित थी कोविड की वजह से बैठक टली
- वर्चुअल मीटिंग के जरिए पीएम मोदी और ईयू के बीच संवाद स्थापित
- पीएम मोदी ने रिन्यूएबल ऊर्जा पर दिया खास जोर
नई दिल्ली। भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडिया-ईयू समिट में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को और बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और वो यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से मार्च में भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था। लेकिन अच्छी बात .यह है कि हम वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिए मिल रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम लोगों के सामने जो इस समय चुनौतियां है उसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालिक चुनौतियां भी हैं, जिसके खिलाफ साझी लड़ाई लड़कर ही जीत हासिल की जा सकती है। यही हम लोगों के सामने प्राथमिकता भी होनी चाहिए।
संवाद के खास अंश
- सबसे पहले मैं यूरोप में कोरोना वायरस के कारण हुई क्षति के लिए संवेदना प्रकट करता हूं। आपके शुरुआती रिमार्क्स के लिए धन्यवाद। आप की तरह मैं भी भारत और EU के सम्बन्धों को और विस्तृत और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
- हम दोनों ही democracy, pluralism, inclusivity, respect for international institutions, multilateralism, freedom, transparency जैसी universal values share करते हैं।
- भारत और EU natural partners हैं। हमारी partnership विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भी उपयोगी है। यह वास्तविकता आज की वैश्विक स्थिति में और भी स्पष्ट हो गयी है
- इस के लिए हमें एक दीर्घ-कालीन strategic perspective अपनाना चाहिए। इसके साथ-साथ एक action-oriented agenda बनाना चाहिए, जिसे निर्धारित समय-सीमा में कार्यान्वित किया जा सके।
- कोविड-19 के कारण हमें मार्च में इंडिया-ईयू समिट स्थगित करनी पड़ी थी। अच्छी बात है कि आज हम वर्चुअल माध्यम से मिल पा रहे हैं
पीएम ने कहा कि वो यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए हमें दीर्घकालिक रणनीति अपनानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन में कहा।संबंधों में विस्तार के लिए हमें कार्योन्मुखी एजेंडा अपनाना चाहिए और इसे तय समय के भीतर लागू करना चाहिए।