- AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि पार्टी ने मुसलमानों के कई मुद्दे उठाए हैं और उन्हें फैसला करने दिया जााना चाहिए।
- वकार ने कहा कि मुसलमानों के विकास के लिए बजट तो 1600 करोड़ रुपये का आया, पर खर्च 16 करोड़ भी नहीं हुए।
- दूसरी पार्टियों में भी कोई योग्य मुस्लिम नेता है तो उनका नाम आगे किया जाना चाहिए।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी AIMIM भी मैदान में होगी। पार्टी पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में उतर रही है और खुलकर मुसलमानों के मुद्दों को उठा रही है। टाइम्स नाउ नवभारत के 'नवभारत नवनिर्माण मंच' पर भी पार्टी के प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने इस मसले को उठाया और कहा कि मुसलमान किसी के बंधुआ नहीं हैं। उनके निशाने पर बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस सहित ताम कई पार्टियां रहीं।
टाइम्स नाउ नवभारत के 'नवभारत नवनिर्माण मंच' कार्यक्रम में AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि उनकी पार्टी ने मुसलमानों के कई मुद्दे उठाए हैं और अब मुसलमानों को फैसला करने दिया जााना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुसलमान किसी का बंधुआ नहीं है। यह एक अक्लमंद कौम है...मजबूर थी, यह अलग बात है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ने मुसलमानों के लिए कई काम करने की सलाह सरकार को दी है। हालांकि उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मुसलमानों के विकास को लेकर सरकार संजीदा नहीं है।
'ऐसे कैसे होगा विकास?'
उन्होंने कहा कि मुसलमानों के विकास के लिए बजट तो 1600 करोड़ रुपये का आया, पर खर्च 16 करोड़ भी नहीं होते। ऐसे कैसे होगा मुसलमानों का विकास? उन्होंने जातिगत समीकरणों का हवाला देते हुए कहा कि यूपी में विभिन्न जातियों के सीएम बन चुके हैं, लेकिन मुस्लिम कौम में से किसी को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जाता? उन्होंने अन्य पार्टियों के लिए चुनौतीभरे लहजे में कहा कि जरूरी नहीं है कि AIMIM का कोई नेता सीएम या डिप्टी सीएम बने। अगर अन्य पार्टियों में भी कोई योग्य मुस्लिम नेता है तो उनका नाम आगे किया जाना चाहिए।
AIMIM नेता ने तंज भरे लहजे में कहा कि अगर कोई ऐसा कहता है कि उनकी पार्टी में कोई योग्य मुस्लिम नेता है ही नहीं तो यह हैरानी की बात है। यह भी सोचना पड़ेगा कि आखिर सात दशकों से भी अधिक समय में देश की सत्ता में रही पार्टियों ने उस मुस्लिम कौम को कहां पहुंचा दिया, जो करीब 800 वर्षों तक हुकूमत में रही और जिसने हिन्दुस्तान की जीडीपी को 27-28 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था।
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