- नवजोत सिंह सिद्धू बोले- मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है
- नए एजी की नियुक्ति के बाद कार्यभार करूंगा ग्रहण- नवजोत सिंह सिद्धू
- चरणजीत सिंह चन्नी सरकार से अपने मतभेदों को जाहिर कर चुके हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिए इस्तीफे को वापस ले लिया है, हालांकि उन्होंने नए एजी की नियुक्ति की शर्त रखी है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने तफसील से बताया कि आखिर उन्होंने इस्तीफा क्यों वापस लिया। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर से दो दो हाथ करने वाले सिद्धू ने उस समय अप्रत्याशित ऐलान किया था जब चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम पद की कमान संभाले महज 2 दिन बीते थे। सिद्धू के इस्तीफे के ऐलान से आम और खास हर कोई सकते में था। बात 10 जनपथ तक पहुंची और सिद्धू को संदेश भिजवाया गया कि अगले 2 से तीन दिन में वो इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो किसी और को कमान सौंप दी जाएगी। कांग्रेस आलाकमान के इस बदले रुख के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के भी सुर नरम पड़ गए थे।
मेरा व्यक्तिगत एजेंडा नहीं
व्यक्तिगत कुछ भी नहीं है। मैं उनसे राज्य के लिए बात करता हूं। राज्य के लिए जो भी अच्छा किया जा सकता है, उसके लिए मैं उनसे बात करता हूं। मेरा चरणजीत चन्नी से कोई मतभेद नहीं है, बिल्कुल भी नहीं। मैं जो कुछ भी करता हूं पंजाब के लिए करता हूं। मैं पंजाब के लिए खड़ा हूं। पंजाब मेरी आत्मा है। यही लक्ष्य है।
मैं उनसे (सीएम) लंबे समय से मिल रहा हूं। मैं उनसे पिछले 1 महीने से बात कर रहा हूं। पहली बैठक पंजाब भवन में थी, उस समय बात यह थी कि पैनल (डीजीपी पर) आएगा और एक हफ्ते में चीजें तय हो जाएंगी। 90 दिन की सरकार है, 50 दिन हो गए।
नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के बाद कार्यभार
नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के बाद मैं कार्यभार ग्रहण करूंगा। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में कहा, यह (इस्तीफा) व्यक्तिगत अहंकार का मामला नहीं है, बल्कि हर पंजाबी का हित है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई विचारधारा की है और वो अपने विचारों को लेकर पूरी तरह साफ है। वो पहले भी मानते रहे हैं कि पंजाब में रहने वाले हर एक शख्स का विकास जरूरी है। पिछले 4.5 वर्षों के दौरान, मैंने शराब, बस आदि जैसे कई मुद्दों को उठाया है। सीएम के पास केंद्रीकृत शक्ति थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। मुझे किसी पद का लालच नहीं है लेकिन मैं केवल पंजाब के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ता हूं। 2022 के चुनाव में मैं कांग्रेस को 80-100 सीटें दिलाऊंगा।
क्या कहते हैं जानकार
अब सवाल यह है कि सिद्धू के इस रुख का क्या मतलब है। जानकार बताते हैं कि सिद्धू भले ही कुछ कहें हकीकत यह है कि वो मौजूदा मुखिया यानी चरणजीत सिंह चन्नी की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। नवजोत सिंह सिद्ध को लगता था कि चन्नी सरकार में वो अपने मुताबिक चेहरों को ला सकेंगे और इसके साथ ही सरकार में उनके मनपसंद अधिकारियों की नियुक्ति भी हो सकेगी। लेकिन जिस तरह से सरकार का गठन हुआ उसे लेकर वो असहज हो गए। हाल ही में एक भाषण में उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को घेरते हुए कहा था कि लालीपॉप से पंजाब का भला नहीं होने वाला है।