- लापता सीआरपीएफ के 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह की तस्वीर क्षेत्र के स्थानीय संवाददाताओं को मिली है
- मंगलवार को माओवादियों ने जवान राकेश्वर सिंह के अपने कब्जे में होने का दावा किया था
- नक्सलियों के कथित बयान में कहा गया था कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले दिनों हुए नक्सली हमले के बाद लापता एक जवान की तस्वीर बुधवार को कुछ स्थानीय पत्रकारों को मिली है। नक्सलियों द्वारा इसे पत्रकारों तक भेजे जाने का दावा किया जा रहा है।मंगलवार को नक्सलियों ने इस जवान के अपने कब्जे में होने का दावा किया था।
राज्य के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ के 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास की तस्वीर आज क्षेत्र के स्थानीय संवाददाताओं को मिली है। सुकमा और बीजापुर जिले के स्थानीय संवाददाताओं ने बताया कि आज सुबह यह तस्वीर उन्हें मिली है। हालांकि तस्वीर में किसी भी माओवादी का चेहरा नहीं दिख रहा है।
मंगलवार को माओवादियों ने जवान राकेश्वर सिंह के अपने कब्जे में होने का दावा किया था। नक्सलियों के कथित बयान में कहा गया था कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा और तब तक वह सुरक्षित रहेगा।
इस बयान में माओवादियों ने अपने चार साथियों के मारे जाने की भी पुष्टि की थी।माओवादियों के बयान जारी होने के बाद राज्य के पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि पुलिस जारी प्रेस विज्ञप्ति की वास्तविकता की जांच कर रही है।लापता जवान की तस्वीर जारी होने को लेकर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा है कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर लापता जवान राकेश्वर सिंह की है।
जवान राकेश्वर सिंह मनहास के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली
सुंदरराज ने मंगलवार को कहा था कि तीन अप्रैल को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगल में हुई मुठभेड़ के बाद से अब तक कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।सुंदरराज ने बताया कि लापता जवान की खोज में अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही क्षेत्र के ग्रामीण, सामाजिक संगठन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारों के माध्यम से भी आरक्षक राकेश्वर सिंह के संबंध में जानकारी ली जा रही है।
इधर बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने माओवादियों से अपील की है कि वह अपहृत जवान को रिहा कर दें। शहीद जवानों में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के सात जवान, सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन का एक जवान, डीआरजी के आठ जवान और एसटीएफ के छह जवान शामिल थे।
अगवा सीआरपीएफ जवान के रिश्तेदारों ने जम्मू में किया प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ हालिया मुठभेड़ के बाद नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए गए एक कोबरा कमांडो के रिश्तेदारों ने बुधवार को जम्मू-पुंछ राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया और सरकार से कमांडो की सुरक्षित रिहाई का आश्वासन देने की मांग की।बंधक बनाए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास की पत्नी मीनू ने प्रदर्शन स्थल से अपील की, ‘‘वह सरकार की जिम्मेदारी हैं और उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार हमें यह जानकारी दें कि वह उनकी रिहाई के लिए क्या कार्रवाई कर रही है।’’
बीजापुर-सुकमा सीमा पर शनिवार को हुई मुठभेड़ के बाद 31 जवान घायल हो गए जबकि 210वीं बटालियन का कोबरा कमांडो मनहास लापता हो गया और ऐसा बताया गया कि उसे बंधक बना लिया गया है।मुठभेड़ में विभिन्न सुरक्षा बलों के 22 जवान मारे गए।
जम्मू में मनहास के कई रिश्तेदार और पड़ोसी बुधवार को सड़कों पर उतरे और उन्होंने उसक बरनई आवास के बाहर मुख्य सड़क अवरुद्ध कर दी। उन्होंने ‘हमारे नायक को वापस लाओ’, ‘भारत जिंदाबाद’ और ‘देश के गद्दारों को गोली मारो’ जैसे नारे लगाए।