- एनडीए की तरफ से द्रोपदी मुर्मू हैं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार
- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को उनके नाम की घोषणा की
- झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं मुर्मू, आदिवासी समुदाय से आती हैं
Draupadi Murmu : एनडीए और विपक्ष के उम्मीदवारों की घोषणा हो जाने के बाद राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। विपक्ष ने संयुक्त रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने इस पद के लिए झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रोपदी मुर्मू को एनडीए का उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रपति पद के लिए यदि मुर्मू चुनी जाती हैं तो वह देश की दूसरी महिला एवं पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए एनडीए उम्मीदवार के रूप में मुर्मू के नाम का ऐलान किया। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर मुर्मू ने कहा कि इस फैसले से उन्हें हैरान किया।
शिव मंदिर में लगाया झाड़ू
एनडीए का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सरकार ने मुर्मू की सुरक्षा बढ़ा दी है। उन्हें जेड+ की सुरक्षा दी गई है। अब उनकी सुरक्षा में 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। बुधवार सुबह मुर्मू रायरंगपुर में एक शिव मंदिर पहुंचीं और वहां पूजा करने से पहले मंदिर में झाड़ू लगाया। अपनी उम्मीदवारी की घोषणा होने के बाद रायरंगपुर में अपने आवास पर मुर्मू ने मीडिया से कहा, 'मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं। मयूरभंज जिले से आने वाली एक आदिवासी महिला के रूप में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।' उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने आदिवासी महिला का चयन कर के भाजपा के नारे 'सबका साथ सबका विश्वास' को सिद्ध कर दिया है।
पटनायक ने कहा-यह गर्व का क्षण
बता दें कि ओडिशा से आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू को उम्मीदवार बनाए जाने पर सीएम नवीन पटनायक ने राज्य के लिए इसे गर्व का क्षण बताया है। जाहिर है कि उन्होंने अपने इस बयान से संकेत दे दिया है कि वह एनडीए उम्मीदवार को अपना मसर्थन देंगे। पटनायक के समर्थन के बाद एनडीए उम्मीदवार की जीत पक्की मानी जा रही है। एनडीए को अपना उम्मीदवार जिताने के लिए बीजद और वाईएसआर जगन रेड्डी में से किसी एक के समर्थन की जरूरत है। माना जाता है कि समर्थन को लेकर दोनों नेताओं की भाजपा आलाकमान के साथ बातचीत पहले ही हो चुकी है। अब मुर्मू की उम्मीदवारी ने भाजपा की दावेदारी को और प्रबल कर दिया है। आदिवासी के मुद्दे पर एनडीए को झारखंड की सोरेन सरकार से भी समर्थन मिल सकता है।