- दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर चिंताओं के बीच पीएम मोदी ने शीर्ष बैठक बुलाई
- बैठक करीब दो घंटे चली, जिसमें कोरोना वायरस के नए वैरिएंट और देश में कोविड के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई
- पीएम मोदी ने इसे लेकर प्रोएक्टिव रहने के साथ मास्क पहनने और अन्य एहतियातों का पालन करने पर बल दिया
नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के सामने आने और फिर जल्द ही इसके कई देशों में फैल जाने के बीच भारत में भी चिंता बढ़ती जा रही है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें देश में कोविड-19 के मौजूदा हालात और इस संक्रामक रोग से बचाव के लिए जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा की।
बैठक के दौरान दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड के नए स्ट्रेन पर भी चर्चा हुई, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Omicron नाम दिया है और इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में पैदा हुई आशंकाओं के मद्देनजर पीएम मोदी ने प्रोएक्टिव रहने पर बल दिया और लोगों से सतर्क रहने के साथ-साथ वैक्सीनेशन, मास्क पहनने और अन्य एहतियातों का पालन करने को कहा।
2 घंटे चली बैठक
पीएम मोदी की शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई यह बैठक करीब दो घंटे तक चली, जिसमें अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन और दुनियाभर में इसे लेकर पैदा हुई चिंता तथा इसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने और बचाव के उपायों को अपनाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी और 'जोखिम' वाले देशों से आने वाले लोगों की जांच पर बल दिया।
यहां गौर हो कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट इसी सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में सामने आया, जिसके बाद देखते ही देखते यह आसपास के देशों में भी फैल गया। बोत्सवाना, मालावी के साथ-साथ इजरायल, हॉन्गकॉन्ग में भी इसके मामले सामने आए हैं, जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस सहित दुनिया के कई देशों ने अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर बैन लगा दिया है। यूरोपीय संघ ने भी प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंधित लगाया है।
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में बढ़ती चिंताओं के बीच WHO ने इसे लेकर एक आपात बैठक शुक्रवार को बुलाई, जिसमें इसे Omicron नाम दिया गया और 'बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप' करार दिया गया।