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अब गौतम बुद्ध को लेकर भड़का नेपाल, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

Updated Aug 09, 2020 | 20:32 IST

India Nepal relations: भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्‍तों के बीच अब नेपाल ने गौतम बुद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्‍पणी पर आपत्ति जताई है, जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने उसे जवाब दिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
अब गौतम बुद्ध को लेकर भड़का नेपाल, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
मुख्य बातें
  • नेपाल ने अब गौतम बुद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्‍पणी पर ऐतराज जताया है
  • नेपाल ने कहा कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था और इस पर विवाद नहीं हो सकता
  • नेपाल की आपत्तियों पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी जवाब दिया गया है

काठमांडू/नई दिल्‍ली : भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर पिछले कुछ समय से नेपाल के तल्‍ख तेवर सामने आ रहे हैं। बीते दिनों उसने देश का नया मानचित्र भी जारी किया, जिसमें उसने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को भी शामिल कर लिया, जबकि वर्षों से ये क्षेत्र भारतीय सीमा के अंतर्गत रहे हैं। इसी तनाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अभी कुछ दिनों पहले यह दावा भी किया था कि भगवान राम की अयोध्या वास्‍तव में नेपाल के बीरगंज के पास है और भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने अब गौतमबुद्ध को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्‍पणी को लेकर आपत्ति जताई है, जिसके बाद अब भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से नेपाल को जवाब दिया गया है।

क्‍या है विवाद?

दरअसल, नेपाल को आपत्ति विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान से हो गई, जो उन्‍होंने शनिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में दिया था। वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लेते हुए जयशंकर ने भारत के नैतिक नेतृत्व में बात रखी और बताया कि कैसे भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों की सीख आज भी प्रासंगिक है। हालांकि नेपाली मीडिया की खबरों में कहा गया कि जयशंकर ने बुद्ध को भारतीय बताया। इसके बाद ही नेपाल के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में आधिकारिक बयान जारी कर आपत्ति जताई गई।

नेपाल का ऐतराज

नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों से यह साबित हुआ है कि गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। लुंबिनी बुद्ध और बौद्ध धर्म की जन्मस्थली है और यूनेस्को ने भी इसे विश्‍व धरोहर स्‍थल की सूची में शामिल किया है। यहां तक कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2014 में अपनी नेपाल यात्रा के दौरान नेपाली संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि नेपाल वह देश है, जहां विश्व शांति के दूत बुद्ध का जन्म हुआ। बौद्ध मत का प्रसार दुनिया में नेपाल से ही हुआ और इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता।

भारत ने दिया जवाब

नेपाल की इस आपत्ति के बाद अब भारत की ओर से इस पर जवाब दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने शनिवार को सीआईआई के कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को लेकर कहा कि उन्‍होंने जो कुछ भी कहा, वह हमारी साझा बौद्ध विरासत के संदर्भ में था। इसमें कोई शक नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, जो नेपाल में है।

यहां उल्‍लेखनीय है कि नेपाल अपने नए विवादित नक्शे को अब संयुक्‍त राष्‍ट्र और गूगल को भेजने की तैयारी की है। माना जा रहा है कि इससे भारत के साथ उसके संबंध और खराब होंगे।

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