- नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने योग को लेकर बड़ा दावा किया है
- उन्होंने कहा है कि योग की उत्पत्ति भारत में नहीं बल्कि नेपाल में हुई
- मोदी ने योग को दुनियाभर में प्रसिद्ध किया: ओली
नई दिल्ली: एक तरफ जहां दुनियाभर में 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया कि योग की उत्पत्ति उनके देश में हुई, भारत में नहीं। ओली ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संबोधन में कहा, 'एक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व से बहुत पहले नेपाल में योग का अभ्यास किया जाता था और किया जाता रहा है।'
ओली ने कहा, 'योग की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई। जब योग की खोज हुई थी तब भारत का गठन नहीं हुआ था। भारत जैसा कोई देश नहीं था क्योंकि नेपाल में योग के प्रचलन में आने के समय कई सीमांत राज्य थे। तो योग की उत्पत्ति नेपाल या उत्तराखंड के आसपास हुई।'
उन्होंने कहा कि हमने योग की खोज करने वाले अपने ऋषियों को कभी श्रेय नहीं दिया। हम हमेशा इस या उस प्रोफेसर और उनके योगदान के बारे में बात करते थे। हम अपना दावा ठीक से नहीं रख सके। हम इसे दुनिया भर में नहीं ले जा सके। भारतीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने साल के सबसे लंबे दिन पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव देकर इसे प्रसिद्ध किया। फिर इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
भगवान राम को लेकर किया था ये दावा
ओली ने कुछ समय पहले यह कहकर विवाद छेड़ दिया था कि भगवान राम का जन्म नेपाल के चितवन जिले में अयोध्यापुरी के नाम से जाना जाने वाले माडी क्षेत्र में हुआ था, भारत के अयोध्या में नहीं है। उन्होंने वहां भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और अन्य के विशाल मंदिरों के निर्माण का आदेश दिया था। उन्होंने कहा, 'अयोध्यापुरी नेपाल में था। बाल्मीकि आश्रम भी अयोध्यापुरी के पास नेपाल में था। सीता की मृत्यु देवघाट में हुई थी, जो नेपाल में अयोध्यापुरी और बाल्मीकि आश्रम के करीब है।'