नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित धर्म परिवर्तन रैकेट के सिलसिले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य एटीएस का दावा है कि इस रैकेटे के माध्यम से गरीब लड़कियों को निशाना बनाया जाता है, फंसाया जाता है; मुस्लिम लड़के धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल करते थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए दो व्यक्तियों उमर गौतम एवं जहांगीर को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी विशेष रूप से सुनने और बोलने में असमर्थ बच्चों एवं महिलाओं को इस्लाम धर्म में परिवर्तित करा रहे थे। ये महिलाओं की शादी मुस्लिम युवकों से करा रहे थे ताकि वे दोबारा अपने मूल धर्म में नहीं लौट सकें। जबरन धर्म परिवर्तन की इन्होंने एक पूरा नेटवर्क एवं व्यवस्था बनाया था। ये लोगों को धर्मपरिवर्तन कराने के लिए अपने जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर लेकर जाते थे। लोगों का धर्म परिवर्तित कराने के लिए इन लोगों को विदेशों से फंड उपलब्ध कराया जाता था।
इस गैंग ने कानपुर के एक लड़के को फंसाया जो कि सुनने और बोलने में अक्षम था और उसका धर्म परिवर्तन कराया। उसका नाम आदित्य गुप्ता था, जिसे इन्होंने अब्दुल कादिर बना दिया। इसके पिता राकेश गुप्ता ने बताया कि लड़का मार्च में लापता हो गया था और धर्म परिवर्तन के बाद उसे दिल्ली के रास्ते केरल ले जाया गया था। अब्दुल कादिर नाम का एक प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही परिवार को पता चला कि उसका धर्म परिवर्तन किया गया है। उसे बरामद कर कल यूपी एटीएस द्वारा घर वापस लाया गया। परिवार को अभी तक यह नहीं पता चला है कि असल में वह गैंग में कैसे फंस गया।