- गृह मंत्री अमित शाह से मिले एनआईए के मुखिया दिनकर गुप्ता
- अमरावती और उदयपुर हत्याकांड की जांच के सिलसिले में हुई मुलाकात
- दोनों हत्याकांड की जांच कर रही है राष्ट्रीय जांच एजेंसी
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में नृशंस हत्याओं की जांच करने का निर्देश देने के कुछ दिनों बाद, एनआईए प्रमुख दिनकर गुप्ता ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। 28 जून को, उदयपुर में दिन दहाड़े एक दर्जी कन्हैयालाल की दुकान के अंदर दो लोगों ने उनका गला रेत कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। जबकि 21 जून को अमरावती में एक केमिस्ट दुकान के मालिक उमेश कोल्हे की कई लोगों ने ठीक इसी तरह से हत्या कर दी थी।
अमरावती मामले में 7 अऱेस्ट
अमरावती हत्याकांड में अमरावती की एक जिला अदालत ने मुख्य आरोपी और हत्याकांड के मास्टरमाइंड इरफान शेख को 7 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आरोपी की पहचान इरफान शेख के रूप में की गई है, जिसे रविवार को नागपुर में अमरावती पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। छह आरोपियों की पहचान मुदस्सिर अहमद (22) के रूप में हुई है; शाहरुख पठान (25); अब्दुल तौफिक (24); शोएब खान (22); आतिब राशिद (22) और युसुफकान बहादुर खान (44) के रूप में हुई है।
नुपुर शर्मा के बयान के बाद हुई हत्याएं
जांचकर्ताओं का अब तक मानना है कि केमिस्ट की हत्या कथित तौर पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के बदले में की गई थी, जिसमें बीजेपी की नूपुर शर्मा का समर्थन किया गया था, जिन्होंने पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। उदयपुर मामले में हमलावरों ने वीडियो में अपनी पहचान रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के रूप में हुई है। वीडियो में, रियाज 47 वर्षीय कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से हमला करते हुए दिखाई दे रहा था, जबकि दूसरे घोष ने इस कृत्य को मोबाइल पर शूट किया और फिर वायरल कर दिया।
एनआईए ने कही ये बात
एनआईए ने गुरुवार को कहा कि उसे "आतंकवादी संगठन नहीं बल्कि एक आतंकवादी गिरोह" की भूमिका पर संदेह है। हालांकि, आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि इस नृशंस हत्या के पीछे एक बड़े गिरोह की भूमिका है और यह सिर्फ दो व्यक्तियों द्वारा किया गया एक कृत्य नही है, जिन्हें घटना के बाद राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था।