तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
- निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है
- चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा
- इससे पहले आठ लोगों को विभिन्न मामलों में फांसी दी गई है, सबसे पहले रंगा और बिल्ला को फांसी दी गई थी
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के सभी चार दोषियों के खिलाफ आज (मंगलवार) डेथ वारंट जारी कर दिया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा। कोर्ट ने सभी चार दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश शिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। इससे पहले तिहाड़ जेल में आठ लोगों को विभिन्न मामलों में फांसी दी गई है। निर्भया के दोषियों को मिला दें तो कुल 12 लोगों को फांसी हो जाएगी। सबसे पहले रंगा और बिल्ला को फांसी दी गई थी।
इससे पहले विभिन्न मामलों में तिहाड़ जेल में आठ दोषियों को फांसी दी गई-
- 9 फरवरी 2013: संसद हमले के मामले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई।
- 6 जनवरी 1989: प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी गई। सतवंत सिंह ने इंदिरा गांधी पर गोली चलाई थी। जबकि केहर सिंह साजिश का हिस्सा था।
- 11 फरवरी 1984: मकबूल भट के फांसी दी गई। आतंकवादी समूहों द्वारा 1976 में एक विमान को अपहरण करने सहित कई प्रयास किए गए थे। फरवरी में बर्मिंघम में भारतीय राजनयिक रवींद्र महात्रे का अपहरण और हत्या की थी। इस नृशंस अपराध के एक सप्ताह के भीतर मकबूल भट को फांसी दे दी गई।
- 9 अक्टूबर 1973 : विद्या जैन की हत्या के मामले में कॉन्ट्रैक्ट किलर करतार और उजागर सिंह को फांसी दी गई। विद्या जैन के पति और उसके दोस्त ने हत्यारे को किराए पर लिया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन उजागर और करतार को मौत की सजा सुनाई थी।
- 31 जनवरी 1982: रंगा और बिल्ला को फांसी दी गई। दोनों ने 1978 में गीता और संजय चोपड़ा के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोनों दोषी पाए गए थे।