- दिल्ली के मुनरिका में 16 दिसंबर 2012 को हुई थी निर्भया के साथ गैंगरेप
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में छह दोषियों को सुनाई है फांसी की सजा
- नाबालिग दोषी को हुई थी तीन महीने की सजा, राम सिंह कर चुका है खुदकुशी
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश शिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को 22 जनवरी को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चारों दोषियों को सुबह सात बजे फांसी के फंदे पर लटकाया जाए। कोर्ट का यह फैसला आने के बाद निर्भया की मां आशा देवी की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े। निर्भया की मां ने कहा कि उनकी बेटी को सात साल बाद इंसाफ मिला।
उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी को आज इंसाफ मिल गया है। चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद देश की महिलाएं खुद को ताकतवर महसूस करेंगी। साथ ही इससे न्यायिक व्यवस्था में लोगों का भरोसा बढ़ेगा।' बता दें कि निर्भया के माता-पिता ने अपनी अर्जी में चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी। इस पहले निर्भया की मां ने कहा कि दोषियों के डेथ वारंट पर वह कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही हैं।
निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दिया जाएगा। यह फैसला जघन्य अपराध करने वालों के भीतर डर पैदा करेगा।'
चारों दोषियों को फांसी की सजा के लिए डेथ वारंट जारी होने पर पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीष गुलाटी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'यह काफी अच्छा फैसला है और हम इसका सम्मान करते हैं। अब जाकर निर्भया की आत्मा को शांति मिलेगी। आज देश की हर बेटी को न्याय मिला है।' वहीं, दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती हैं। मालीवाल ने कहा कि रेप को दोषियों को और जल्दी सजा मिलनी चाहिए।
फांसी की सजा के लिए डेथ वारंट जारी होने पर दोषियों के वकील ने एपी सिंह ने कहा कि वह एख या दो दिन में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दायर करेंगे। शीर्ष अदालत के वरिष्ठ पांच जज इसकी सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा, 'इस केस में शुरुआत से ही मीडिया, राजनीति एवं लोगों का दबाव रहा है। इस केस की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई।'