नई दिल्ली : निर्भया के दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उसकी दया याचिका की जो फाइल अंतिम फैसले के लिए भेजी गई है, उसे तुरंत वापस कर दिया जाए, क्योंकि उसमें उसके हस्ताक्षर नहीं हैं और न ही यह उसके द्वारा अधिकृत है।
निर्भया के दोषी की इस अपील को मामले को और उलझाने और इसमें देरी किए जाने की चाल के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति के पास गृह मंत्रालय की ओर से जो फाइल भेजी गई है उसके खारिज होने के बाद उसे जल्द ही सूली पर लटकाया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को दया याचिका की फाइल अंतिम फैसले के लिए राष्ट्रपति कोविंद को भेजी थी और उसे खारिज करने की अनुशंसा भी की थी।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी और उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा गया था कि दोषी को किसी भी सूरत में माफी नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि उसका कृत्य जघन्य है और माफी के योग्य नहीं है।
निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 को राष्ट्रीय राजधानी में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। दरिंदगी में बुरी तरह घायल पैरा मेडिकल की छात्रा को उपचार के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। उसके साथ हुई दरिंदगी के चार दोषियों में से एक विनय ने फांसी की सजा से माफ करने के लिए अर्जी दी थी।
उसकी दया याचिका ऐसे समय में सामने आई है, जबकि देशभर में एक बार फिर साइबराबाद और उन्नाव कांड को लेकर आक्रोश है। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दोषियों की ओर से दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी।