नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर भानुमति शुक्रवार को अदालत कक्ष में उस समय बेहोश हो गईं जब वह निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की केंद्र की याचिका पर आदेश सुना रही थीं। हालांकि न्यायमूर्ति भानुमति जल्द ही होश में आ गईं और उन्हें वहां डायस पर बैठे अन्य न्यायाधीशों तथा उच्चतम न्यायालय के कर्मियों ने चैंबर में पहुंचाया।
उन्हें इलाज के लिए व्हील चेयर पर ले जा गया। बाद में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने कहा कि मामले में आदेश अब चैंबर में सुनाया जाएगा। मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया मामले में मौत की सजा पाए दोषी विनय कुमार की याचिका खारिज कर दी। विनय कुमार ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी। पीठ ने विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें दया याचिका खारिज करने के आदेश की न्यायिक समीक्षा का कोई आधार नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट सहित सारी सामग्री पेश की गई थी और उन्होंने दया याचिका खारिज करते समय सारे तथ्यों पर विचार किया था।
शीर्ष अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट के मद्देनजर शर्मा की इस दलील को भी अस्वीकार कर दिया कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है और कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार उसकी सेहत ठीक है।
निचली अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को फांसी देने पर रोक लगा दी थी। ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।