- निर्भया की मां ने 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को किया याद
- कहा ऐसा लग रहा था जैसे उसे जंगल से बचा कर लाया गया हो
- आखिरी वक्त में उसने दरिंदों को लेकर कहा था कि उन्हें कड़ी सजा दिलाना
- 20 मार्च को तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों को दी जाएगी फांसी
नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप की वारदात 7 सालों के बाद आज भी सिहरा देती है। कल्पना करना मुश्किल है कि निर्भया की मां पर इन 7 सालों में क्या बीती होगी जो अपनी बेटी के दरिदों को फांसी पर लटकाने का इंतजार कर रही है। निर्भया की मां के मन मस्तिष्क में आज भी उस दिन की यादें ताजा है जिस दिन उनकी बेटी के साथ दरिंदगी हुई थी।
16 दिसंबर के दोपहर को निर्भया अपनी मां से वादा करके गई थी कि वह 2-3 घंटों में वापस घर लौट आएगी। लेकिन जब 5 घंटों तक भी वह घर वापस नहीं आई तो उसकी मां ने उसे फोन लगाया। जब निर्भया ने मां का फोन नहीं उठाया तो वे परेशान हो उठे और फिर उन्होंने उसकी खोज शुरू कर दी।
उस काली रात का खुलासा
कुछ घंटों बाद खबर मिली कि उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, ये सुनकर उनके होश उड़ गए। इंडिया टुडे से बातचीत में निर्भया की मां ने 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात के बारे में ये सारी बातें बताई। उन्होंने बताया कि वे अपने बेटे के साथ मिलकर बस स्टॉप तक भी गई ताकि कहीं उसका कुछ पता लग सके लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
खून से थी लथपथ
रात के 11 बजे तक सफदरजंग अस्पताल से कॉल आया और हमें जो बताया गया उसे सुनकर हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई।अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने निर्भया से मुलाकात की और मां को देखते ही निर्भया की पथरीली आंखों से आंसू गिरने लगे। उसे ऑपरेशन रुम में ले जाया जा रहा था। वह पूरी तरह खून से लथपथ थी। उस समय तक हमें ये नहीं पता था कि उसके साथ किस हद तक की दरिंदगी हुई थी। लेकिन कुछ समय बाद हमें बताया गया कि 6 लोगों ने मिलकर उसके साथ कैसी हैवानियत की थी।
जैसे जंगल से रेस्क्यू किया गया हो
उसके होठ दो भाग में कटे हुए थे। उसका सिर फटा हुआ था। उसके शरीर पर कई जगह गहरे कट के निशान थे जहां से लगातार खून बह रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसे जंगल से रेस्क्यू कर लाया गया है। डॉक्टर कह रहे थे कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे शरीर के किस हिस्से का पहले ऑपरेशन करें। पूरे शरीर को जानवरों की तरह नोचा गया था।
पानी मांगा था
कुछ दिनों के बाद निर्भया को होश आया। पहली चीज जो उसने कही वह कि मां से पानी मांगा था। आशा देवी ने बताया कि लेकिन स्थिति ऐसी थी कि वह उसे पानी लाकर नहीं दे पाई। वो बताती हैं कि मुझे आज तक उस बात का दुख है कि वह 10-12 दिनों तक जिंदा रही लेकिन उसे कोई पानी नहीं दे सका। मैं हर रोज इस दर्द और पछतावे में जीती हूं।
20 मार्च को दोषियों को मिलेगी फांसी
उन्होंने येभी बताया कि मरने से पहले निर्भया ने उनसे कहा था कि दोषियों को ऐसी सजा दिलवाना कि कोई आगे से ऐसा करने के बारे में सोच भी ना पाए। बता दें कि दिल्ली कोर्ट ने तिहाड़ में बंद चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी के लिए 20 मार्च का डेट दिया है। 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे उन्हें फांसी पर लटकाया जाएगा।