नई दिल्ली : निर्भया के माता-पिता ने अपनी बेटी की यादों को घर के पहले कमरे में शीशे की अलमारी में बहुत ही हिफाजत से संजो कर रखा है। इसमें पढ़ाई के दौरान मिली ट्राफी, दादा-दादी की तस्वीर और उनका सबसे प्रिय नीले रंग का कॉफी का मग शामिल है। निर्भया द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मग को अलमारी के ऊपर के रैक में स्कूल में जीती गई ट्रॉफी के साथ रखा गया है।
निर्भया के चाचा पवन कुमार सिंह ने अलमारी पर रखी ट्रॉफी की ओर इशारा करते हुए कहा, 'स्कूल में उसके द्वारा जीती गई ट्रॉफी उसके जाने के बाद भी हमें उसकी याद दिलाती है। वह पढ़ाई में बहुत तेज थी और साल दर साल शीर्ष पर रही और नीले रंग का मग उसे सबसे अधिक प्रिय था।' शीशे की अलमारी में निर्भया के माता-पिता को विभिन्न संगठनों की ओर प्राप्त सम्मान एवं प्रशस्तिपत्रों को भी रखा गया है।
टीवी चैनल जब निर्भया के चारों दोषियों को दी गई फांसी की खबर दे रहे थे तभी एक पुरस्कार दिखा जो एक टीवी चैनल ने निर्भया की मां आशा देवी को 'वुमेन ऑफ दि ईयर' के तौर पर दिया था, जो बेटी को न्याय दिलाने के लिए लगातार लड़ रही थीं। निर्भया के घर के पहले कमरे में दीवार पर एक तस्वीर लगी है जिस पर लिखा है, 'प्यारी निर्भया की यादें- बहादुर लड़की।'
सुनीता सिंह (48) ने कहा, 'मेरी भांजी बहुत साधारण लड़की थी। उसे पढ़ना पसंद था और वह इसके लिए प्रतिबद्ध थी। उसने अपनी रुचि के लिए बहुत कुछ नहीं किया, लेकिन वह आध्यात्मिक थी। आज अगर वह हमें कहीं सुन रही होगी तो हम कहना चाहते हैं कि अंतत: उसे न्याय मिला।'
यहां उल्लेखनीय है कि चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई, जिन्होंने चलती बस में निर्भया के साथ दुष्कर्म के बार बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था।