- निर्भया' के साथ हुए गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को फांसी दे दी गई
- एक दोषी राम सिंह ने मुकदमा के दौरान ही खुदकुशी कर ली थी और एक नाबालिग था, उसे तीन साल बाद रिहा कर दिया गया
- पीएम मोदी ने कहा कि न्याय की जीत हुई, महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है
नई दिल्ली : दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक पैरामेडिकल छात्रा 'निर्भया' के साथ हुए गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को आज (20 मार्च 2020) सुबह तिहाड जेल 5.30 बजे फांसी दी गई। फांसी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर प्रतिक्रया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि न्याय की जीत हुई। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है। हमारी नारी शक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ी है और हमें ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जहां ध्यान महिला सशक्तीकरण, समानता और अवसर प्रदान करने पर हो।
गौर हो कि निर्भया के साथ जघन्य अपराध करने वाले छह लोग थे जिसमें एक ने मुकदमा के दौरान ही खुदकुशी कर ली थी। एक नाबालिग था उसे बाल सुधार गृह में तीन साल रखने के बाद रिहा कर दिया गया। बाकी चार दोषी मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई।
स्मृति ईरानी ने कहा- न्याय पाने में वक्त लगा लेकिन...
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इससे अपराधियों को सख्त संदेश जाएगा कि वे कानून से भाग नहीं सकते। उन्होंने कहा कि मैंने इतने सालों में निर्भया की मां का संघर्ष देखा है। हालांकि न्याय पाने में समय लगा लेकिन आखिरकार न्याय हुआ। यह लोगों को भी संदेश है कि वे आप कानून से भाग सकते हैं लेकिन आप हमेशा के लिए इससे बच नहीं सकते। मुझे खुशी है कि न्याय हुआ। उन्होंने कहा कि मैं आज के दिन दिल की गहराइयों से स्वागत करती हूं कि आखिरकार निर्भया को न्याय मिला। दोषियों को फांसी हर अपराधी को यह संदेश है कि एक न एक दिन कानून आपको पकड़ लेगा।
नम आंखें से निर्भया की मां ने कही ये बात
निर्भया की मां आशा देवी ने नम आंखें से भावुक स्वर में कहा कि अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें। उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी के बाद अब महिलाएं निश्चित रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि डेथ वारंट को तीन बार अलग-अलग आधार पर टाला गया लेकिन आखिरकार हमें न्याय मिला। उन्होने कहा कि इस फांसी के बाद निश्चित रूप से महिलाओं को सुरक्षा का अहसास होगा और अब अभिभावक भी अपने बेटों को महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान और न्याय व्यवस्था में हमारा विश्वास हिल जैसा गया था लेकिन विश्वास बहाल हो गया। यह फांसी अपराधियों को कड़ी चेतावनी देगी कि वे इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न करें। उन्होंने सभी मांओं से अपील की कि परिवार और समाज में होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्ट दर्ज अवश्य कराएं और अपनी बेटियों का साथ दें।
निर्भया के पिता ने ये अपील की
निर्भया के पिता ने कहा कि न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया न्याय दिवस के तौर पर मनाया जाए। उन्होंने कहा कि हम पूरी रात सो नहीं पाए। बीती रात हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ते रहे। लेकिन अंत: वह घड़ी आ ही गई। बलिया में हमारे गांव में अब होली खेलेंगे।