- निर्भया के चारों गुनहगारों पवन, अक्षय, मुकेश और विनय शर्मा को शुक्रवार सुबह दी गई फांसी
- तिहाड़ के जेल संख्या में तीन में चारों की हुई फांसी, पवन जल्लाद ने फंसी का लीवर दबाया
- फांसी से पहले फूट-फूट कर रोने लगा विनय, बाकी तीन दोषियों ने छटपटाहट नहीं दिखाई
नई दिल्ली : निर्भया के चारों गुनहगारों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इन चारों दोषियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिली हैं। तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि चारों दोषी अपनी फांसी से सहमे तो जरूर थे लेकिन अंतिम समय में उन्होंने फांसी से बचने के लिए कोई छटपटाहट नहीं दिखाई और किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
एक को छोड़ तीन दोषियों ने जेल में कमाई की
सूत्रों का यह भी कहना है कि चारों दोषियों में से मुकेश चाहता था कि फांसी के बाद उसके अंग को दान कर दिया जाए। जबकि विनय अपने पेंटिंग डोनेट करना चाहता था। जेल में रहते हुए अक्षय कुमार ने 69000 रुपए, पवन ने 29000 और विनय ने 39000 रुपए की कमाई की। जबकि मुकेश ने काम करने से इंकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक मुकेश ने लिखित में अपना अंगदान करने की इच्छा जेल प्रशासन से जताई थी जबकि विनय ने जेल सुपरिटेंडेंट को पेंटिंग्स और अपने परिवार को हनुमान चालीसा दिया।
फूट-फूट कर रोने लगा विनय
इस बीच, फांसी से पहले चारों दोषियों की फांसी से जुड़े घटनाक्रमों के बारे में भी पता चला है। फांसी के लिए सुबह 4.45 बजे जेल के अधिकारी उस वार्ड में गए जहां पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को रखा गया था। फांसी के लिए अधिकारियों का आता देख विनय फूट-फूटकर रोने लगा। बाकी तीन अन्य दोषी बिल्कुल शांत थे। सूत्रों ने बताया कि चारों पूरी रात सोए नहीं। अधिकारियों ने उन्हें डेथ वारंट दिखाया गया और उनकी अंतिम चिकित्सा जांच की गई। इसके बाद उन्हें तिहाड़ के जेल नंबर तीन में ले जाया गया जहां पर फांसी कोठी स्थित है। यहां जल्लाद पवन ने चारों को फांसी पर लटका दिया। बाद में पोस्टमार्टम के लिए चारों दोषियों के शव को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल भेज दिया गया।
'आज मेरी बेटी को न्याय मिला'
चारों दोषियों की फांसी की सजा होने के बाद निर्भया की माता-पिता ने खुशी जाहिर की। निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'आज मेरी बेटी को देरी से ही सही लेकिन न्याय मिल गया। इस सजा से हमारा न्यायपालिका में भरोसा बढ़ा है। साथ ही अपराधियों को यह संदेश गया है कि जघन्य अपराध होने पर उन्हें फांसी की सजा मिलेगी।' निर्भया की मां ने कहा कि देश की लड़कियों के हक के लिए उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
दोषियों को बचाने का अंतिम दांव भी बेकार गया
बता दें कि गुरुवार को दोषियों के वकील एपी सिंह ने इस फांसी को टलवाने के लिए निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी रोक लगाने की दोषियों की अर्जी पर गुरुवार आधी रात तक सुनवाई की। कोर्ट ने यह कहते हुए कि दोषियों की याचिका में कोई मेरिट नहीं है, उनकी अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद दोषियों के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। दोषियों को फांसी हो जाने पर देश भर के लोगों ने खुशी जाहिर की।