- कचरे एवं सीवेज से ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने की योजना पर काम कर रहे गडकरी
- गडकरी ने कहा कि नगर पालिकाओं के पास गंदा पानी एवं अपशिष्ट बड़ी मात्रा में होता है
- आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली में ग्रीन हाइड्रोजन वाली कार चलाते नजर आएंगे गडकरी
नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनकी योजना बस, ट्रक एवं कार को ग्रीन एनर्जी से चलाने की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शहरों में नगर पालिकाओं के पास गंदे पानी की समस्या रहती है। शहरों में ठोस अपशिष्ट भी होते हैं। इन दोनों चीजों का इस्तेमाल ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण में किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रीन एनर्जी एवं ग्रीन हाइड्रोजन पर लोगों का भरोसा कायम करने के लिए वह खुद आने वाले दिनों में ग्रीन हाइड्रोजन वाली कार चलाते हुए नजर आएंगे।
गंदे पानी, ठोस अपशिष्ट से तैयार होगा ग्रीन हाइड्रोजन
गडकरी ने कहा, 'शहरों में बसों, ट्रकों एवं कार को ग्रीन हाइड्रोजन से चलाने के लिए मेरे पास एक योजना है। इस ग्रीन हाइड्रोजन को शहरों के गंदा पानी एवं ठोस अपशिष्ट से तैयार किया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन से भी वाहन को चलाया जा सकता है, लोगों में यह विश्वास कायम करने के लिए मैं खुद ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार चलाता नजर आऊंगा। फरीदाबाद के एक ऑयल रिसर्च इंस्टीट्यूट जो कि ग्रीन हाइड्रोजन बनाता है, मैंने उससे एक कार खरीदी है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15 से 20 दिनों के भीतर वह ग्रीन एनर्जी वाली इस कार को राजधानी दिल्ली में चलाते नजर आएंगे।
कचरे से कुछ बेहतर करना चाहते हैं केंद्रीय मंत्री
गडकरी ने कहा कि वह कचरे से कुछ बेहतर निकालना चाहते हैं। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए केंद्रीय मंत्री ग्रीन फ्यूल से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल करने पर जोर देते हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि उनकी योजना देश में ग्रीन पावर, ग्रीन फ्यूल और ग्रीन एनर्जी से वाहनों को चलाने की है। ये ईंधन ही देश का भविष्य हैं। वह फ्लेक्स इंजन लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल से कम होगा प्रदूषण
गत नवंबर में टाइम्स नाउ समिट-2021 के दौरान गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश बहुत आगे जाने वाला है। हमारी कोशिश अपनी परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट करने की है। इथेनाल आधारित ईंधन से प्रदूषण कम फैलता है। यही नहीं, पेट्रोल गाड़ी पर एक महीने में आने वाला 12 से 15 हजार रुपए महीने का खर्च इलेक्ट्रिक कार पर घटकर दो हजार रुपए पर आ जाएगा।