- तबलीगी का अर्थ है कि अल्लाह की कही बातों का प्रचार करना
- मरकज का अर्थ यह है वो जगह जहां इस सिलसिले में बैठक की जाती है।
- कोरोना के खतरे के बीच तबलीगी जमात के लोग मरकज में हुए शामिल
नई दिल्ली। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव सोमवार को कह रहे थे कि सात अप्रैल तक उनका राज्य कोरोना फ्री हो जाएगा। लेकिन हैदराबाद से करीब 1500 किमी दूर दिल्ली के निजामुद्दीन औलिया दरगाह से जो तस्वीर आई वो भयावह थी। पता चला कि तबलीगी जमात की मरकज में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे और उनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित थे। इस खबर की पुष्टि तब और हो गई जब तेलंगाना में 6 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई और ये सभी लोग निजामुद्दीन औलिया में तबलीगी जमात का हिस्सा थे।
तबलीगी जमात, मरकज और निजामुद्दीन औलिया दरगाह
इस खबर के बाद अलग अलग राज्य सरकारें कदम उठा रही हैं तमिलनाडु और तेलंगाना में 1200 लोगों को क्वारंटाइन में रखने का फैसला किया गया है तो यूपी पुलिस मुख्यालय ने 18 जिलों को खास निर्देश दिए हैं कि वो उन लोगों पर नजर रखें या पता लगाएं जो तबलीगी जमात की मरकज में शामिल हुए थे। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना का मामला अभी लोकस ट्रांसमिशन के फेज में है। यहां हम आप को बताएंगे कि तबलीगी जमात और मरकज का मतलब क्या होता है।
क्या है तबलीगी जमात
तबलीगी का अर्थ है कि अल्लाह की कही बातों का प्रचार करना और जमात का मतलब समूह, इसका अर्थ यह है कि ऐसा समूह जो अल्लाह की बातों का प्रचार और प्रसार करता है। ऐसा माना जाता है कि जमात के दुनिया भर में करीब 15 करोड़ सदस्य हैं।
ये है मरकज का मतलब
इसके साथ ही मरकज का अर्थ यह है वो जगह जहां इस सिलसिले में बैठक की जाती है। तबलीगी जमात से जुड़े सदस्य पारंपरिक इस्लाम के विचार को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं।
1927 में तबलीगी जमात की स्थापना
तबलीगी जमात को साल 1927 में मुहम्मद इलियास अल कांधलवी ने भारत में शुरू किया था। हरियाणा के नूंह जिले से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया गया। जमात के मुख्य उद्देश्य "छ: उसूल" (कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग) हैं। एशिया में इनकी अच्छी खासी आबादी है। निजामुद्दीन में इस जमात का मुख्यालय है। इस जमात की शुरुआत 1927 में ही हो गई थी। लेकिन बड़ी बैठक करने में करीब 14 साल का समय लगा और 1941 में बड़ी बैठक हुई। 1947 में देश के बंटवारे से पहले तबलीगी जमात ने अलग अलग हिस्सों में जड़ जमा चुका था। धीरे-धीरे यह आंदोलन पूरी दुनिया में फैल गया।