- नोएडा का ट्विन टावर मलबे में हो चुका है तब्दील
- 3700 किलो विस्फोटक का हुआ है इस्तेमाल
- 300 करोड़ की लागत से बना था ट्विन टावर
नोएडा के ट्विन टावर का अस्तित्व अब समाप्त हो चुका है। ऊंचाई को लेकर इतिहास बनाने की तैयारी कर रहा यह टावर अब इतिहास में अवैध निर्माण और ध्वस्त होने के कारण दर्ज हो चुका है, लेकिन इस गिराने को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। रिपोर्टों के अनुसार इसे गिराने में जितने विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है, उतना विस्फोटक 12 ब्रह्मोस मिसाइल में लगाया जाता है, यानि यू कहें कि इस टावर को गिराने में 12 ब्रह्मोस मिसाइल जितना विस्फोटक का प्रयोग किया गया है।
नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया है। ट्विन टॉवर विध्वंस में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की मात्रा ब्रह्मोस मिसाइल के 12 मिसाइलों के बराबर है। एक ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलो तक का हथियार ले जा सकता है।
दिल्ली के कुतुब मीनार से भी लंबा, नोएडा सेक्टर 93 ए में सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने में 20 करोड़ का खर्चा आया है। वहीं इसके निर्माण में सुपरटेक कंपनी ने 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
बता दें कि नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। यहां के निवासियों ने आरोप लगाया था कि इन टावरों का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था।
यही लोग सुपरटेक के खिलाफ पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, जहां उनके आरोपों पर मुहर लग गई और हाईकोर्ट ने टावर गिराने के आदेश दे दिए। इसके बाद कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई, वहां भी उसे हार मिली और अब फाइनली इस टावर को गिरा दिया गया।
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारों की भी मिलीभगत बताई जा रही है, कुछ को सस्पेंड भी किया गया है। फिलहाल नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारी रडार पर हैं। इनमें कुछ प्रमुख अधिकारी, जिन्हें निलंबित किया गया है।
ये भी पढ़ें- Noida Twin Towers: विस्फोट के बाद अंदर का नजारा देख रोने लगे थे चेतन दत्ता, जानें कितना सफल रहा टावर गिराने का प्लान