- नोएडा के ट्विन टावर को महीनों से गिराने की चल रही थी तैयारी
- इंजीनियरों की एक टीम को कम से कम नुकसान में इस बिल्डिंग को गिराने की थी चुनौती
- ब्लास्ट के समय मलबे के बिखरने का था चांस
नोएडा के ट्विन टावर को रविवार को गिरा दिया गया। 3700 किलोग्राम विस्फोटकों की सहायता से इंजीनियरों ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है। इस टावर में ब्लास्ट से पहले एक ऐसी घटना हुई जिसकी सूचना मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए।
दरअसल इस टावर को गिराने से पहले आसपास के घरों और सोसाइटियों को खाली करा दिया गया था। डर था कि अगर प्लान के अनुसार यह बिल्डिंग नहींं गिरी तो पास में बने घरों को नुकसान पहुंच सकता था। अब हुआ यूं कि प्रशासन लगातार लोगों से घरों को खाली करने की अपील कर रहा था, उन्हें नोटिस दिया जा चुका था कि ब्लास्ट से पहले घरों को खाली कर दें।
ब्लास्ट से पहले ज्यादातर लोगों ने अपने-अपने घरों को खाली भी कर दिया। घरों के खाली होने के बाद एक टीम घर-घर जाकर चेक भी कर आई। ब्लास्ट के लिए हरी झंडी भी मिल गई, तभी पता चला कि एक शख्स ने तो घर खाली ही नहीं किया है, वो आराम से सो रहा है।
ये शख्स ट्विन टावर के पास ही बने एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में था। इसी सोसाइटी को लेकर इंजीनियर ज्यादा चिंतित थे। जैसे ही एक शख्स के इस सोसाइटी में रहने की खबर मिली, हड़कंप मच गया। घरों को खाली कराने वाली टीम जब उसके घर पहुंची तो वो आराम से सोता हुआ मिला।
जब शख्स को जगाया गया और उससे पूछा गया तो उसने कहा कि वो ब्लास्ट वाली बात को ही भूल गया था। जिसके कारण वो सोता रहा। शख्स को इसके बाद वहां से निकाला गया और ब्लास्ट के लिए रास्ता साफ हो गया।
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