देहरादून: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धामों, बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी करते हुए उसे अब प्रतिदिन तीन हजार कर दिया गया है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार,गंगोत्री धाम के लिए श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या 900 और यमुनोत्री धाम के लिए 700 कर दी गयी है।
हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर धामों का दर्शन करने आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या हालांकि इसमें शामिल नहीं है।देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम यात्रा के लिये पिछले दिनों प्रदेश से बाहर के यात्रियों के लिए कोरोना-मुक्त जांच रिपोर्ट लाने की बाध्यता हटा दी थी जिसके बाद धामों के दर्शन के लिए ई-पास मांगने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई।
इसी के मद्देनजर बोर्ड ने चारों धामों के दर्शन हेतु तीर्थयात्रियों की अधिकतम संख्या को बढ़ा दिया है।
बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि अब बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 3000, केदारनाथ में 3000, गंगोत्री में 900 तथा यमुनोत्री में 700 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे।
इससे पहले, बोर्ड ने चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी ताकि सुविधाओं के अनुसार तीर्थयात्रियों की संख्या बढाई जा सके। बदरीनाथ चमोली जिले में, केदारनाथ रूद्रप्रयाग जिले में तथा गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
पहले बदरीनाथ जाने के लिये 1200, केदारनाथ के लिये 800, गंगोत्री के लिये 600 तथा यमुनोत्री के लिये अधिकतम 400 श्रद्धालुओं को ही अनुमति दी जा रही थी।
इससे पहले कोरोना की वजह से बंद वैष्णो देवी मंदिर का दरबार एक बार फिर से खुल गया था त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर को कोविड-19 महामारी के कारण लगभग पांच महीनों तक बंद रखे जाने के बाद 16 अगस्त को फिर से खोला गया था ऐसे में उस दौरान करीब दो हजार लोग माता के दर्शन हर दिन कर सकते थे।
लेकिन एक महीने के बाद माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आने वाले यात्रीयों का कोटा बढ़ा दिया गया था जहां पहले दो हजार श्रद्धालुओं के दर्शन करने की सीमा तय की गई थी जिसमें जम्मू कश्मीर के बाहर श्रद्धालुओं की संख्या 500 थी और 1500 स्थानीय थी वहीं अब इसे बढ़ा दिया गया है, अब जम्मू कश्मीर के 4500 और अन्य राज्यों से 500 यात्री माता वैष्णो देवी के दर्शन कर सकेंगे।