- बिहार राज्य में इस समय कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं
- टूटने के लिए दो तिहाई विधायकों का किसी भी दल के लिए साथ आना जरूरी है
- खबरें हैं कि 19 विधायकों में से लगभग 10 विधायक जेडीयू के लगातार संपर्क में हैं
नई दिल्ली: बिहार प्रदेश में कहा जाता है कि राजनीति लोगों की खासी पसंद है और शायद यही वजह कि हिंदी बेल्ट वाले देश के इस अहम प्रदेश की राजनीति से केंद्रीय पॉलिटिक्स भी अछूती नहीं रहती है। अभी बिहार में लोकजनशक्ति पार्टी में भारी उथलपुथल का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि वहां अब चर्चाएं चल निकली हैं कि जेडीयू अब कांग्रेस पार्टी में सेंध लगाने की कवायद में जुटी है, हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इसे महज कयासबाजी बताया है और कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस के 19 विधायकों में से लगभग 10 विधायक जेडीयू के लगातार संपर्क में बने हुए हैं और वो कभी भी कोई सूचना यानी पाला बदलने की खबर दे सकते हैं, गौर हो कि दलबदल कानून के प्रावधानों के तहत विधायकों के टूटने के लिए 13 की संख्या होना अनिवार्य है।
मामला यहीं पर आकर फंस रहा है और कहा जा रहा है कि इसे लेकर नीतीश की अगुवाई में जेडीयू सक्रिय हो गई है और मिशन पंजा को अंजाम देने की कवायद की जा रही है ताकि जो विधायक आना चाह रहे हैं उनके अलावा बाकी और एमएलए को तोड़ना है जिससे फिगर 13 विधायकों की हो जाए।
गौर हो कि सूबे की राजनीति में लोक जनशक्ति पार्टी में टूट ने हड़कंप मचा दिया है और अंदरखाने से इसके पीछे जेडीयू का प्लॉन बताया जा रहा है गौर हो कि विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश को तेवर दिखाए थे हालांकि उससे कुछ हुआ नहीं और नीतीश फिर सत्ता पर काबिज हैं।
बिहार में इस समय कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं और टूटने के लिए दो तिहाई विधायकों का किसी भी दल के लिए साथ आना जरूरी है वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे कोरी अफवाह बताते हुए इस घटनाक्रम से इंकार किया है और कहा है कि पार्टी विधायक एकजुट हैं।