- शराबबंदी के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत बोले- मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया
- कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था
- ढाई साल का कार्यकाल बीत चुका है और विपक्ष पूछ रहा है सवाल
2018 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस का वादा था कि जब वो सरकार में आएगी तो पूर्ण शराबबंदी करेगी। लेकिन कार्यकाल आधा समाप्त हो चुका है और शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। इसी विषय पर जब राज्य के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से पूछा गया कि आप लोगों ने जो वादा किया था उसका क्या हुआ। अब सवाल जरा टेढ़ा था तो मंत्री जी को वो सवाल नहीं सुनाई दिया। उन्होंने कहा मुझे तो कुछ सुनाई नहीं दिया।
जब मंत्री जी बोले- मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए राजनांदगांव पहुंचे थे। उन्हें इस जिले का प्रभारी मंक्षी भी बनाया गया है। प्रभारी मंत्री बनने के बाद वो पहली बार राजनांदगांव आए थे। कार्यकर्तओं मने उनकी अगवानी की ये बात अलग है कि कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां भी उड़तीं दिखीं। डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। लेकिन जब पत्रकारों ने पूछा कि आप संस्कृति मंत्री हैं। क्या आपको नहीं लगता कि इससे संस्कृति भ्रष्ट हो रही है। मंत्री जी से यह सवाल कई दफा पूछे गए लेकिन उनका जवाब एक जैसी ही था कि उन्हें सुनाई ही नहीं दिया।
राज्य सरकार के साथ हो रही है साजिश
अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजनाओं को जमीन पर उतारा जाए यह उनकी पहली प्राथमिकता है। जिले के अधिकारियों के साथ मंथन कर बेहतर काम किया जाएगा। डोंगरगढ़ के विकास कार्यों पर कहा कि अभी जिम्मेदारी मिली है। इस पर भी योजना बनाकर काम किए जाएंगे। स्वागत कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी पर कहा कि ये गुटबाजी नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं का उत्साह है। इसके साथ यह भी कहा कि राज्य सरकार के कामकाज में रोड़ा अटकाने की साजिश की जा रही है। कोरोना महामारी के इस दौर में हमने अच्छा काम किया है।