- पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को दिया गया था अंजाम
- पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जैश के ठिकाने को बनाया गया था निशाना
- बालाकोट एयर स्ट्राइक में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का किया गया था इस्तेमाल
नई दिल्ली। बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक साल पूरे होने पर पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बी एस धनोआ ने कहा कि हम जो संदेश देना चाहते थे वो स्पष्ट था घुस कर मारेंगे यह मतलब नहीं कि आप कहां है। यही नहीं हम अपनी जमीन से भी भारत को तबाह करने वालों को निशाना बनाते। उन्होंने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक का असर यह हुआ कि आम चुनावों के दौरान किसी भी आतंकी संगठन ने भारत पर हमला करने के बारे में भी नहीं सोचा क्योंकि उन्हें पता था कि किसी तरह की हिमाकत करने पर उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
बी एस धनोआ बताते हैं कि बालाकोट एयर स्ट्राइक इस माएने में अलग है यह एक बड़ा बदलाव था। दूसरे पक्ष को यह नहीं पता था कि भारत पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह कर सकता है। लेकिन हम ने सिर्फ पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए बल्कि कामयाबी के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि जब हम मुड़कर पिछले एक साल को देखते हैं तो संतुष्टि होती है। हमने बहुत कुछ सीखा है और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद बहुत कुछ करने की जरूरत है और उस दिशा में वायुसेना आगे बढ़ रही है। जहां तक भारतीय फौज की ताकत का सवाल है कि तो हमने पीछे की लड़ाइयों में शानदार कामयाबी हासिल की है।
14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में आक्रोश था। हर तरफ से सिर्फ एक ही आवाज आ रही थी कि अब बहुत हो चुका आर पार होना चाहिये। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया था कि सुरक्षा बलों की शहादत को देश नहीं भूलेगा और जिन लोगों ने नापाक इरादों को अंजाम दिया है उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलवामा आतंकी हमले के महज 12 दिन बाद भारत की तरफ से कार्रवाई की गई और वो कार्रवाई इसलिए खास हो गई कि पाकिस्तानी सीमा में घुसकर मिराज-200 विमानों ने जैश के ठिकाने को बालाकोट में तबाह कर दिया था।