- कृषि बिल के बाद अब CAA की वापसी के लिए उठने लगी है आवाज
- यूपी-पंजाब चुनाव से पहले क्या-क्या होगा? ओवैसी के बयान पर राजनीति तेज
- कृषि कानूनों को वापस लिया, हम आपसे इस बात की मांग करते हैं कि CAA वापस लिया जाए- ओवैसी
नई दिल्ली: शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया तो लगा कि शायद अब किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ। जहां एक ओर राकेश टिकैत और तमाम किसान संगठनों ने आंदोलन जारी रखने की जिद पकड़ ली है, तो वहीं दूसरी और बिल वापसी गैंग अपने अपने बिलों से निकलकर, अलग-अलग बिल्स की वापसी पर आमादा है। इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी। कल ओवैसी बाराबंकी में थे। माइक मिल गया था, स्टेज सजा था, लोगों की भीड़ भी थी ही। तो उन्होंने स्टेज से ही सरकार को धमकी देनी शुरू कर दी। नया शाहीन बाग बनाने का ऐलान कर दिया। आप भी एक बार जानिए, कि ओवैसी ने क्या कहा-
ओवैसी की मांग
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'हम मोदी जी को बताना चाहेंगे, बीजेपी को बताना चाहेंगे, जिस तरह आपने किसानों के लिए ये तीन कानूनों को कृषि कानूनों को वापस लिया, हम आपसे इस बात की मांग करते हैं, CAA कानून को वापस लिया जाए। CAA का कानून वापस लेना चाहिए, क्यों लेना चाहिए, क्योंकि वो संविधान के खिलाफ है, वो संविधान जिसे बाबा साहब अंबेडकर ने बनाया था, जिसपर मजहब की बुनियाद पर कानून नहीं बनाया जा सकता, बीजेपी ने मजहब की बुनियाद पर भारत के संविधान में समानता के अधिकार के खिलाफ कानून बनाया। हम मांग करते हैं CAA कानून को वापस लिया जाए। मीडिया वाले पूछ रहे हैं, अगर नहीं किए तो क्या करेंगे, अगर NPR और NRC का कानून बनाएंगे, तो हम दोबारा रोड पर निकलेंगे यही पर शाहीन बाग बनेगा। अगर NPR और NRC का कानून बनाएंगे, तो हम दोबारा रोड पर निकलेंगे यही पर शाहीन बाग बनेगा।'
ओवैसी के बयान पर पलटवार
ओवैसी के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही है। किसान नेता राकेश टिकैत और कांग्रेस ने ओवैसी को बीजेपी का एजेंट बताया है। वहीं योगी सरकार में मंत्री मंत्री मोहसिन रजा ने ओवैसी की 'शाहीन बाग' धमकी पर पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है। मोहसिन ने कहा कि यूपी में योगी जी की सरकार है यहां ओवैसी की दाल नहीं गलेगी क्योंकि ओवैसी की सोच ही 'टुकड़े गैंग' वाली है। वहीं भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा, 'किसान का मसला अलग है, पाकिस्तान का मसला अलग है, किसान के मसले में जो पाकिस्तान लाएगा, उसका इलाज किसान करेगा, यूपी में जो शाहीन बाग बनाने का प्रयास करेगा वो पोस्टर पर दिखेगा।'
लगातार हो रही है डिमांड पर डिमांड
आपने देखा कि डिमांड पर डिमांड हो रही है । कई मांगे इसमें जायज भी हैं और कई पर विवाद है। लेकिन आपने कृषि कानून वापस लिया तो अब जो दूसरी तरफ के लोग हैं उनको लगता है कि यही सही समय है..सरकार दबाव में है। यूपी सहित पांच राज्यों में चुनाव है इसलिए जितनी मांगे हैं खोज-खोज कर उसे निकालो..और मुद्दे को मरने मत दो..कैसे भी सरकार को किसान विरोधी ठहराओ । खैर ये तो किसान आंदोलन को पर्दे के पीछे बैठे से ऑपरेट करने वाले राजनीतिक दलों की बात है। लेकिन एक नई डिमांड ओवैसी साहब लेकर आ गए हैं।