- केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों का होगा इलाज
- दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने निशाना साधा है
- कांग्रेस नेता चिदंबरम ने पूछा कि क्या केजरीवाल बताएंगे कि दिल्लीवासी कौन है?
नई दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में केवल राजधानी के लोगों का इलाज कराने के अपने फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घिरते जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद अब कांग्रेस ने उनके इस फैसले पर सवाल उठाते हुए उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केजरीवाल से जानना चाहा है कि अगर दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्लीवासियों के लिए हैं तो क्या वे हमें बताएंगे कि दिल्लीवासी कौन हैं? कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस बारे में काफी सोच विचारकर निर्णय लिया जाना चाहिए था।
चिदंबरम ने साधा निशाना
अपने एक अन्य ट्वीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मुझे लगा कि अगर किसी व्यक्ति ने जन आरोग्य योजना / आयुष्मान भारत में नामांकित किया है, तो वह भारत कहीं भी, किसी भी अस्पताल, सार्वजनिक या निजी अस्पताल में इलाज करा सकता है? क्या केजरीवाल ने घोषणा करने से पहले कानूनी राय ली?'
सिंघवी ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'दिल्ली, केवल दिल्ली नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। इस तरह का फैसला लागू करना एकपक्षीय है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केवल दिल्ली की बात कैसे कर सकते हैं। हमारे बहुत सारे सहयोगी गुड़गांव, पानीपत, नोएडा से आते हैं। दिल्ली के लोगों के लिए कुछ रियायत हो सकती है लेकिन इलाज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के फैसले में कोई तर्क नजर नहीं आता। इस पर काफी सोच-विचार के निर्णय लिया जाना चाहिए था।
भाजपा ने किया प्रदर्शन
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के इलाज के अपने फैसले पर केजरीवाल घिरते जा रहे हैं। इस फैसले के खिलाफ भाजपा प्रदर्शन कर चुकी है। कांग्रेस नेता अजय माकन भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। चारों ओर से घिरता देख दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सफाई देते हुए सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने यदि समय रहते अंतरराष्ट्रीय विमानों के आगमन पर रोक लगा दी होती तो देश में कोविड-19 की यह स्थिति नहीं होती। जैन ने कहा कि राजधानी में कोरोना के मामलों को देखते हुए दिल्लीवासियों को यहां के अस्पतालों की जरूरत है।