Hijab Row poster by AIMIM in Beed Maharastra: देश के कर्नाटक राज्य में जारी हिजाब विवाद का मसला अब राज्य से बाहर भी पैर पसारने लगा है बताया जा रहा है कि इसकी गूंज अब महाराष्ट्र में भी सुनाई दे रही है, वहां के बीड शहर (Beed) में एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं (AIMIM Workers) ने महिला मुस्लिम छात्रों के लिए 'हिजाब' (Support in Hijab) के समर्थन में महाराष्ट्र के बीड शहर में पोस्टर बैनर लगाए और कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों को उनकी धार्मिक संस्कृति का पालन करने का अधिकार देता है।
बीड जिले में शहर के मुख्य चौराहे पर मुस्लिम छात्रों ने 'पहले हिजाब, फिर किताब' लिखे हुए बैनर लगाए हैं वहीं इसके साथ ही शहर के सभी स्कूल और कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने की मांग की जा रही है।
बताया जा रहा है कि बीड शहर के बशीरगंज और करंजा इलाकों में 'पहले हिजाब फिर किताब' (pahle hijab phir kitab) का मैसेज देने वाले बैनर लगाए थे, इस बैनर में लिखा है-हर कीमती चीज पर्दे में होती है।
हिजाब को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
गौर हो कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर मचे बवाल पर कर्नाटक हाई कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई। मामले को हाई कोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने बड़ी बेंच को रेफर कर दिया। जस्टिस कृष्ण दीक्षित ने कहा कि मुझे लगता है कि इस मामले में बड़ी बेंच के विचार की आवश्यकता है।जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने बड़ी बेंच के संदर्भ के बारे में पूछा कि यदि आप महसूस करते हैं और सभी सहमत हैं तो मैं ऐसा कर सकता हूं। मैंने कल प्रस्तुत किए गए उद्धरणों को देखा।
"छात्रों को हिजाब के साथ क्लास में अनुमति मिले"
याचिकाकर्ता ने कहा कि मामला बड़ी बेंच में न जाए, 2 महीने के लिए अंतरिम आदेश जारी हो। छात्रों को हिजाब के साथ क्लास में अनुमति मिले। सरकार ने कॉलेज में हिजाब का विरोध किया है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि कॉलेज के ड्रेस कोड के मुताबिक एंट्री मिले। हम कॉलेज में हिजाब का विरोध करते हैं। धार्मिक कार्यों के लिए हिजाब जरूरी नहीं है। हिजाब के पक्ष में अंतरिम इजाजत न मिले। सरकार को अपनी दलीलें पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।