- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटे पांच अगस्त को एक साल पूरा हो जाएगा
- दुनिया के सामने कश्मीर मसले को उठाने की पाकिस्तान ने की फिर से तैयारी
- पाकिस्तान ने बनाया है 15 सूत्रीय प्लान, पीओके का दौरा करेंगे इमरान खान
नई दिल्ली : आगामी पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने का एक साल पूरा हो जाएगा। भारत सरकार ने एक झटके में घाटी में आतंकवाद को बढ़ाने वाली इस नीति को खत्म कर दिया। इससे पाकिस्तान के मंसूबों को करारा झटका लगा। इसके बाद जम्मू-कश्मीर मसले को पाकिस्तान ने दुनिया भर के मंचों पर उठाने की असफल कोशिश की लेकिन हर जगह से उसे मुंह की खानी पड़ी। कश्मीर के मसले पर उसे चीन, तुर्की और मलेशिया को छोड़कर किसी भी देश ने उसका साथ नहीं दिया। यहां तक कि ओआईसी में भारत के बारे में प्रंपंच और प्रोपगैंडा फैलाने की उसने कई बार कोशिश की लेकिन मालदीव जैसे छोटे देश ने उसकी मंशा पर पानी फेर दिया। कश्मीर पर सऊदी अरब और यूएई जैसे मुस्लिम देशों ने उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया। कश्मीर मसले पर दुनिया भर में अलग-थलग पड़ा चुका पाकिस्तान ने दुनिया के सामने एक बार फिर कश्मीर राग अलापने की तैयारी की है।
पाकिस्तान ने तैयार किया 15 सूत्रीय प्लान
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर मसले को हवा देने के लिए पाकिस्तान ने अपना 15 सूत्रीय प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री इमरान खान पांच अगस्त को पाकिस्तान के कब्जे वाल कश्मीर (पीओके) का दौरा करेंगे। बताया जा रहा है कि इमरान यहां लोगों को संबोधित करेंगे जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। मुजफ्फराबाद पहुंचने से पहले पाकिस्तान की योजना विदेशी पत्रकारों को पीओके में लाने की है। इस दौरान आईएसआई की फंडिंग से चलने वाले आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों को विदेशी मीडिया की नजर से दूर रखने की तैयारी है।
मुस्लिम देशों से सहयोग मांगेंगे इमरान
रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की ओर से तैयारी की गई है। उसके इस प्लान में कश्मीर मसले पर कुआललंपुर, अंकारा और बीजिंग से मदद मांगना भी शामिल है। पाकिस्तान इन देशों से जम्मू-कश्मीर के नए दर्जे का एक साल पूरा होने पर बयान जारी करने अथवा ट्वीट करने की मांग करेगा। समझा जाता है कि पाकिस्तान के अनुरोध पर तुर्की के एर्दोगान बयान दे सकते हैं लेकिन भारत की नजर मलेशिया पर है जहां एम यासीन ने नए प्रधानमंत्री के रूप में कुर्सी संभाली है। रिपोर्ट में सरकार के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर पर चीन का बयान कोई मायने नहीं रखेगा क्योंकि दुनिया देख रही है कि अपने क्षेत्र का विस्तार करने के लिए वह भारत के साथ सीमा पर आक्रामक रवैया अख्तियार किया हुआ है।
पाक का विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ओआईसी के सदस्य देशों, मानवाधिकार संगठनों, विदेशी मिशनरियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पाकिस्तान के प्लान में भारत और पाकिस्तान में स्थित यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर को एक नया मसौदा देना शामिल है। नई दिल्ली में अधिकारियों का कहना है कि इमरान खान के लिए ये प्लान वहां की सेना ने तैयार किया है।