- पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी ने पाकिस्तानी सेना की कारगिल साजिश का खुलासा किया था
- कारगिल के नायकों के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है
- नजम सेठी ने बताया कि कारगिल के दौरान पाकिस्तान की हालत बहुत बुरी हो गई थी
नई दिल्ली: 21 साल पहले आज ही के दिन 60 दिन से ज्यादा लंबे चले युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हार का स्वाद चखाया था। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल युद्ध के नायकों के सम्मान में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। मई में भारतीय सेना को पता चला कि पाकिस्तानी घुसपैठियों ने एलओसी को पार किया है और कारगिल में और उसके आसपास कब्जा कर लिया है। इसके बाद भारतीय सेना ने कार्रवाई शुरू की। घुसपैठियों के ठिकानों पर हमले किए गए। इसमें भारतीय वायुसेना के विमानों की भी मदद ली गई। यहां हम ये समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर पाकिस्तान ने कैसे कारगिल की साजिश रची। इस पर पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी ने विस्तार से पाकिस्तान की रणनीति का खुलासा किया है।
नजम सेठी ने पाकिस्तानी चैनल पर बताया था कि किस तरह पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ की साजिश रची। इस साजिश के बारे में पाकिस्तानी सेना ने अपने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी जानकारी नहीं दी। उन्होंने बताया है कि यहां घुसपैठ कर आखिरी पाकिस्तानी सेना क्या चाहती थी और उसका क्या मकसद था।
सेठी ने खुलकर बताया है कि परवेज मुशर्रफ की साजिश किस तरह कमजोर साबित हुई और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और विश्व के सामने शर्मसार होना पड़ा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को अंदाजा भी नहीं था कि भारत इतनी जोर से पलटवार करेगा और घुसपैठियों को पूरी तरह से खदेड़ देगा। उन्होंने ये भी कहा कि कारगिल के दौरान पाकिस्तान की स्थिति बहुत खराब हो गई थी और उसके बाद अमेरिका भारत के साथ गया और पाकिस्तान से दूर हो गया।
पाकिस्तानी पत्रकार सेठी ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिक जनवरी 1999 में ही भारतीय सीमा में घुस गए थे और उन्होंने 140 से ज्यादा पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। भारत को इस बारे में मई में पता चला, लेकिन उसके बाद भारत ने बहुत जबरदस्त पलटवार किया और अपनी सभी पोस्ट पर कब्जा वापस पा लिया।