- मध्य प्रदेश में PANKH अभियान की शुरुआत हुई
- सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया अभियान
- बालिकाओं के सशक्तीकरण के लिए शुरू किया अभियान
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बालिकाओं के सशक्तीकरण और विकास के लिए 'PANKH अभियान' शुरू किया। कार्यक्रम में बोलते हुए चौहान ने कहा, 'हम 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' के तहत आज PANKH अभियान शुरू कर रहे हैं।'
इस दौरान उन्होंने इसका अर्थ भी बताया। उन्होंने कहा, PANKH में P (Protection) सुरक्षा के लिए है, A (Awareness) अपने अधिकारों को लेकर जागरूक रहना, N (Nutrition) पोषण के लिए है, K (knowledge) ज्ञान के लिए ताकि हर क्षेत्र में प्रगति हो और H (Health) स्वास्थ्य के लिए है। इसे एक साल तक जारी रखा जाएगा।'
लाड़ली योजना के तहत दी छात्रवृत्ति
उन्होंने कहा, 'जब मैं विधायक बना, तो मैंने गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए एक योजना शुरू की ताकि इसे बोझ न समझा जाए। जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो हम चाहते थे कि लड़कियों को एक वरदान के रूप में देखा जाए, बोझ नहीं इसलिए हम लाड़ली लक्ष्मी योजना लाए।' मुख्यमंत्री ने लाडली लक्ष्मी योजना के तहत 26,099 लड़कियों को 6.47 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की पेशकश की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्राओं से बातचीत की।
'बेटियों के सपनों को पंख दीजिए'
इस संबंध में शिवराज सिंह ने कई ट्वीट भी किए और कहा, 'नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे पर शुभकामनाएं! बेटियां बोझ नहीं; अपितु परिवार, समाज व राष्ट्र का आधार हैं। अनेक विषमताओं के बावजूद बेटियां हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर कुल और राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं। इन्हें अवसर दीजिए, यही श्रेष्ठ समाज व राष्ट्र निर्माण का स्वप्न साकार करेंगी। आप बेटियों के सपनों को #PANKH दीजिए; ये आपके सपनों को उड़ान देंगी और साकार करेंगी। हर बेटी अनेक रिश्ते को पूर्णता के साथ जीती है, तो उसे भी साधिकार जीने का हक मिलना चाहिए। #nationalgirlchildday2021 पर हम सब यह प्रण करें कि हर बेटी को उसका यह हक मिलेगा।'
एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि PANKH अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में बेटियों की ऊर्जामयी उपस्थिति से मन असीम उत्साह व आनंद से भर गया। इनके पंखों को मजबूत करने का मेरा संकल्प और मजबूत हुआ, ताकि ये अपनी ऊंची उड़ान से प्रदेश और देश के गौरव को असीम ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें। बेटियां हमारी साहस हैं, शौर्य,कर्म और शुभकामनाएं हैं, सचमुच में इनके बिना दुनिया नहीं चल सकती है। ये हमारे संस्कार हैं कि हम बेटों की नहीं,बेटियों की पूजा करते हैं।