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दिल्ली में कैसे '0' हो गई कांग्रेस? इस नेता ने बताया कब से शुरू हुआ पार्टी का पतन

Updated Feb 12, 2020 | 12:56 IST

Delhi Congress कांग्रेस नेता पीसी चाको ने दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन पर बात की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कांग्रेस का पतन कब से शुरू हुआ। कांग्रेस को 2015 की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली है।

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दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं

नई दिल्ली: 1998 से 2013 तक लगातार दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस का अब यहां एक भी विधायक नहीं है। 2015 की तरह इस बार भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कांग्रेस के पतन के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को जिम्मेदार ठहराया है। पीसी चाको ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला जी सीएम थीं। एक नई पार्टी AAP के उदय ने पूरे कांग्रेस वोट बैंक को छीन लिया। हम इसे कभी वापस नहीं पा सके। यह अभी भी AAP के साथ बना हुआ है।'

भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े किए गए आंदोलन से आप का जन्म हुआ है। ये आंदोलन तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ था। 2013 में आप ने जब पहली बार दिल्ली में चुनाव लड़ा तो उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस से ही थी। आप तब केंद्र और दिल्ली की कांग्रेस सरकार के खिलाफ खूब भ्रष्टाचार के आरोप लगाती थी। 

अन्ना आंदोलन का शीला दीक्षित की सरकार को खूब नुकसान हुआ और कांग्रेस चुनाव हार गई। 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटें मिलीं और उसका मतदान करीब 16 प्रतिशत गिरकर 24.6 पर आ गया। इसके बाद 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत और भी बुरी हो गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली और वोट प्रतिशत भी  24 से 9 पर आ गया।  

इस विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की हालत में सुधार नहीं हुआ। सीट तो एक भी मिली नहीं बल्कि वोट प्रतिशत भी और गिर गया। कांग्रेस को इस बार सिर्फ 4.26 प्रतिशत वोट मिला है। आंकड़ों की मानें तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिरता चला गया है।

बढ़ता गया AAP का वोट प्रतिशत
वहीं दूसरी तरफ बात करें तो आप के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। आप को 2013 विधानसभा चुनाव में 29.5%, 2015 में 54.3% और अब 2020 में 53.57% वोट मिले हैं। 

इन आंकड़ों से पीसी चाको की बात को समझा जा सकता है कि कांग्रेस का जो वोट बैंक था वो अब आप के पास चला गया है।

संदीप दीक्षित ने उठाए सवाल
दिवंगत कांग्रेस नेता शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित कांग्रेस के प्रदर्शन से आश्चर्यचकित नहीं हैं। संदीप दीक्षित ने कहा, 'कांग्रेस का प्रदर्शन आश्चर्यजनक नहीं है। हम कहीं नहीं थे। हमने शीला जी द्वारा किए गए काम को दिखाने की कोशिश की, लेकिन वास्तव में देर हो चुकी थी, क्योंकि दुर्भाग्य से सुभाष चोपड़ा जी को जिम्मेदारी काफी देरी से दी गई।'

दीक्षित ने कहा, 'पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पिछले 6-7 सालों में केवल शीला जी का अपमान किया है और उन्हें बदनाम किया। ये तब भी होता था, जब हम सत्ता में थे। यदि आप ऐसा करते हैं, तो एक तरफ कांग्रेस की हार में भूमिका निभा रहे हैं, और बाद में उनके काम पर क्रेडिट का दावा करते हैं, तो कौन आप पर विश्वास करेगा?'

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