- पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने पद्म भूषण सम्मान मिलने पर जताई खुशी
- आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद मुजफ्फर हुसैन बेग ने सीधा महबूबा को ही निशाने पर ले लिया था
- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू-कश्मीर को वह दिया जाना चाहिए जो संविधान हमें देता है- बेग
श्रीनगर: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। इस बार कई जानी मानी हस्तियों के अलावा कई ऐसे गुमनाम चेहरों को पद्म सम्मान मिला है जिन्होंने सामाजिक क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के नेता मुजफ्फर बेग को भी पद्म भूषण सम्मान मिला है। सम्मान मिलने के बाद मुजफ्फर बेग काफी खुश नजर आए और उन्होंने कहा, 'यह पुरस्कार मुझे नहीं दिया गया है, बल्कि यह जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए है।'
मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा, 'जम्मू कश्मीर में कभी कोई जनमत संग्रह नहीं हो सकता है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और अमेरिकी राष्ट्रपति जम्मू कश्मीर के लिए स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने स्वीकार किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। हम मांग करते हैं कि जम्मू-कश्मीर को वह दिया जाना चाहिए जो संविधान हमें देता है।
कौन हैं मुजफ्फर बेग
मुजफ्फर हुसैन बेग जम्मू और कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं। वह महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक हैं जो 2006 तक उप मुख्यमंत्री रहे। जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्य होने के अलावा मुजफ्फर बेग 2014 से लेकर 2019 तक कश्मीर के अनंतनाग से सांसद भी रहे हैं।
आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद मुजफ्फर हुसैन बेग ने सीधा महबूबा को ही निशाने पर ले लिया था। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था महबूबा मुफ्ती के भड़काऊ बयानों से जम्मू कश्मीर का अलग दर्जा चला गया। बेग ने महबूबा द्वारा अनुच्छेद 370 की समाप्ति पर जम्मू-कश्मीर में तिरंगा थामने वाले किसी कंधे के न रहने संबंधी बयान पर कहा कि यह अत्यंत भड़काऊ बयान था। इस दौरान बेग ने खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए हुर्रियत की भी आलोचना की थी। मुजफ्फर बेग पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।