- पेगासस जासूसी कांड से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है
- विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर प्रहार बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है
- सरकार ने पोर्टल की रिपोर्ट को बेबुनिया बताकर खारिज किया है
नई दिल्ली : पेगासस जासूसी (Pegasus snooping case)मामले में नई बात सामने आई है। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSO Group) के सॉफ्टवेयर पेगासस स्पाइवेयर से जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि एनएसओ ग्रुप की इस सूची में राहुल गांधी की ओर से इस्तेमाल किए गए कम से कम दो मोबाइल फोन नंबर थे।
राहुल के करीबियों की हुई जासूसी-रिपोर्ट
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि राहुल गांधी के पांच मित्रों एवं परिचितों के फोन नंबर भी जासूसी वाली सूची में थे। कांग्रेस नेता के इन करीबियों के बारे में कहा जा रहा है कि राजनीति और सार्वजनिक जीवन से इनका कोई संबंध नहीं है। रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी पेगासस के टार्गेट पर थे।
टार्गेट में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी भी
रिपोर्टों के मुताबिक राहुल गांधी के अलावा टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के भी फोन टेप कराए गए। इनके बारे में कहा जा रहा है कि बंगाल चुनाव के लिए इन दोनों लोगों की पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी कराई गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि मोबाइल फोन हैक कर जिन लोगों की जासूसी हुई उनमें कम से कम दो केंद्रीय मंत्रियों के भी नाम हैं। बताया जा रहा है कि अश्विनी वैभव और प्रह्लाद पटेल इन दो मंत्रियों की इस सॉफ्टेवेयर के जरिए जासूसी हुई।
दो केंद्रीय मंत्री के भी नाम
अश्विनी वैष्णव को हाल ही में केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। वैष्णव को रेल, संचार, एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसा अहम मंत्रालय मिला है। जबकि प्रह्लाद पटेल को जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। रिपोर्ट में दावा है कि जासूसी की इस सूची में भाजपा नेता वसुंधरा राजे के निजी सचिव, स्मृति ईरानी के ओएसडी, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया का भी नाम है। रिपोर्टों के मुताबिक 2017 से 2019 के बीच इन मोबाइल नंबरों की हैकिंग और जासूसी हुई। पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 भारतीयों की जासूसी कराए जाने का दावा किया जा रहा है।
भाजपा ने जासूसी कांड को बेबुनियाद बताया
वहीं, भाजपा ने पेगासस के जरिए जासूसी कराए जाने की रिपोर्टों को बेबुनिया बताकर खारिज किया है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि पेगासस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का ‘एक भी साक्ष्य’नहीं है। भाजपा नेता आरोप लगाया कि समाचार पोर्टल ‘द वायर’ द्वारा पहले प्रसारित समाचार ‘गलत’पाया गया है, जबकि एम्नेस्टी इंटरनेशनल का ‘भारत विरोधी’एजेंडा जगजाहिर है। खबर को द वायर ने ही पहली बार भारत में उजागर किया।