नई दिल्ली: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाने की याचिका दाखिल की गई है। गौर हो कि दिसंबर 2021 में उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट से श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था,कोर्ट में यह याचिका श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति की तरफ से दायर की गई थी।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने इस याचिका के जरिए कहा था कि ईदगाह में कभी नमाज नहीं पढ़ी जाती थी। इसमें कहा गया था, 'यह हिंदू पक्ष की संपत्ति है और ईदगाह परिसर में कभी नमाज अदा नहीं की गई, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दूसरे पक्ष द्वारा जानबूझकर पांच बार नमाज अदा की जा रही है, जो कानूनी रूप से अस्वीकार्य है।'
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याचिका में यह भी कहा गया था, 'पवित्र कुरान के अनुसार भी विवादित जमीन पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। दूसरा पक्ष जानबूझकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।'
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण: 10 मई को अगली सुनवाई
अप्रैल 2022 में शाही ईदगाह मस्जिद इंतजामियां कमेटी पक्ष ने कहा था कि वादियों ने जिस 13.37 एकड़ जमीन पर दावा किया है। इससे संबंधित कोई कागजात अदालत में पेश नहीं किए हैं यह वाद सुने जाने योग्य नहीं है। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में इंतजामियां कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उपासना स्थल अधिनियम पर बहस हुई थी। वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि हम बहस को सुनने के बाद अपनी बहस करेंगे, अदालत में 10 मई को अगली सुनवाई होगी।