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अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल, समीक्षा की मांग

गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Jun 18, 2022 | 14:06 IST

अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सड़कों पर संग्राम छिड़ा है। इन सबके बीच इस स्कीम की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल भी दायर की गई है।

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अग्निपथ स्कीम के खिलाफ SC में पीआईएल

अग्निपथ योजना का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में इस योजना के समीक्षा की मांग करने वाली एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका दिल्ली एक वकील विशाल तिवारी की तरफ से लगाई गई है। वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो रही है।

अग्निपथ के विरोध में युवा
देश भर के युवा अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो चुका है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में अब इस जनहित याचिका के जरिए कुछ महत्वपूर्ण मांग की गई हैं. याचिका में कहा गया है अग्निपथ जीवन जीने के मौलिक अधिकार के खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण और मनमानी योजना है। सरकार की इस योजना का नतीजा है कि देश भर में कानून और व्यवस्था तहस नहस हो गई है। 


हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन

जनहित याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के गठन का आदेश दे. जो अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की वजह की पड़ताल करे। साथ ही साथ रेलवे समेत तमाम सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचे नुकसान का अनुमान लगाए। 

स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें सरकारें
याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने ये भी मांग की है कि केंद्र सरकार और जिन भी राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं वो मौजूदा हिंसा, प्रदर्शनों को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करें।

अग्निपथ की समीक्षा की मांग
याचिका के जरिए मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया जाए. ये कमिटी अग्निपथ योजना से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा करे।

प्रभावित राज्यों में क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति की मांग
हिंसा–आगजनी प्रभावित सभी राज्यों में सुप्रीम कोर्ट के 2009 के दिशानिर्देश के अनुसार एक क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति की जाए।

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याचिका में दलील दी गई है कि कोरोना महामारी के चलते देश पहले से ही आर्थिक तौर पर परेशानियों का सामना कर रहा है। ऐसे में सरकार की इस नई योजना और उससे उपजी हिंसा से काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। राज्य सरकारें इन उग्र प्रदर्शनों को रोकने में विफल रही है। याचिका में ये भी सवाल उठाया गया है कि जिस तरह से प्रदर्शनकारियों के घर पर बुलडोजर चलाया गया उसी तरह अग्निपथ योजना के विरोध में आगजनी कर रहे लोगों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई होगी? 

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