- भरतपुर के रुदावल क्षेत्र में बसा है गांव बंसी पहाड़पुर
- अपने लाल पत्थर के लिए देशभर में मशहूर है ये गांव
- संगमरमर के लिए विख्यात है मकराना, ताजमहल में भी यहीं का पत्थर लगा
Shri Ramjanmbhoomi Mandir Ayodhya: अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का राजस्थान की वीरभूमि से गहरा नाता है। जिस श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन को लेकर पूरा विश्व उत्साहित है, उसके निर्माण में लगने वाला पत्थर राजस्थान के एक गांव से निकला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को रामलला के मंदिर की नींव रखेंगे और इसी के साथ 500 साल के संघर्ष की समाप्ति हो जाएगी। 2.75 लाख घन मीटर भू-भाग पर बनने वाले इस राम मंदिर के लिए राजस्थान के भरतपुर के रुदावल क्षेत्र के गांव बंसी पहाड़पुर में भी काम तेज हो गया है।
सैकड़ों कामगार यहां लाल पत्थरों पर नक्काशी का काम करने में दिन रात जुटे हुए हैं। भरतपुर के इस गांव से निकले पत्थरों से देश के भीतर कई इमारतों का निर्माण हो चुका है। यहां के पत्थरों की अपनी खासियतों की वजह से श्रीराम प्रभु के मंदिर के लिए इसे चुना गया है। यह पत्थर लंबे समय तक चमकदार रहता है और इसकी उम्र 5000 वर्ष तक मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पत्थर की एक खासियत ये भी है कि पानी गिरने पर इसकी चमक और निखरती है। बंसी पहाड़पुर से राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्य द्वार का पत्थर मकराना का
राम मंदिर के मुख्य द्वार में मकराना का सफेद संगमरमर लगाया जाएगा। मकराना राजस्थान के नागौर जिले की सबसे बड़ी तहसील है और यहां का सफेद संगमरमर विश्व विख्यात है। ऐसा कहा जाता है कि मकराना के संगमरमर का उपयोग ताजमहल के निर्माण में किया गया था। मकराना में विभिन्न स्थानों पर संगमरमर का खनन किया जाता है।
ऐसा होगा भव्य मंदिर
बता दें कि प्रस्तावित मॉडल के मुताबिक दो मंजिल राम मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 140 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी। इसमें 330 बीम और दोनों मंजिल पर 106-106 यानी कुल 212 खंभे लगंगे। इस मंदिर के कुल पांच दरवाजे होंगे और ये दरवाजे मंदिर के पांच हिस्सों में लगेंगे। दरवाजे गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार पर होंगे। गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट का प्रकोष्ठ बनाया जाएगा, जिस पर 65.3 फुट ऊंचे शिखर का निर्माण होगा।