- मानसून सत्र में इस बार बहुत कम कामकाज हो पाया है
- पेगासस जासूसी कांड को लेकर सरकार पर हमलावर रहा विपक्ष
- मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी देखने को मिली। ओबीसी बिल को छोड़कर सरकार को विपक्ष का किसी अन्य मुद्दे पर समर्थन नहीं मिला। बुधवार को मानसून सत्र के समापन पर विपक्ष और सत्ता पक्ष का एक वीडियो सामने आया। यह वीडियो लोकतंत्र की खूबसूरती को दर्शाने वाला है। दरअसल, लोकसभा सत्र के अनिश्चितकाल तक स्थगित हो जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बड़े नेता लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मिलने के लिए पहुंचे।
पेगासस जासूसी मामले पर सरकार पर हमलावर रहा है विपक्ष
एक कमरे में लोकसभा स्पीकर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के सांसद, शिरोमणि अकाली दल, वाईएसआरसीपी, बीजेडी के सांसद नजर आए। कथित पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों पर विपक्ष के तेवरों को देखते हुए एक कमरे में सत्ता पक्ष और विपक्ष का यह 'मिलन' सुखद अहसास कराने वाला है। मानसून सत्र में टीएमसी के सांसद शांतनु सेन निलंबित भी हुए।
मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
इस बार का मानसून सत्र कथित पेगासस जासूसी मामले पर हंगामे के लिए जाना जाएगा। मानसून सत्र की शुरुआत गत 19 जुलाई से शुरू हुई। सत्र के शुरुआत से ही विपक्ष पेगासस जासूसी कांड को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही। विपक्ष इस मसले पर चर्चा और इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर अड़ा रहा। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि सरकार ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस की मदद से देश के पत्रकारों, राजनेताओं एवं एक्टिविस्टों की जासूसी कराई। हालांकि, सरकार ने जासूसी कराने के आरोपों को खारिज किया।
कांग्रेस सांसद बाजवा ने रूल बुक फेंका
मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। उच्च सदन में कृषि कानूनों पर चर्चा शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य अधिकारियों की टेबल पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान काले कपड़े दिखाए गए। सदस्यों का हंगामा यही नहीं रुका। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा मेज पर चढ़ गए और रूल बुक फेंक दिया। इस घटना पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने नाराजगी और दुख व्यक्त किया। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो नायडू भावुक हो गए और कहा कि इस आचरण से सदन की गरिमा तार-तार हुई है।
बाजवा ने कहा-अपने आचरण पर अफसोस नहीं
राज्यसभा में अपने आचरण पर कांग्रेस सांसद बाजवा ने कहा कि उन्हें रूल बुक फेंकने पर अफसोस नहीं है। सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो वह 100 बार इस तरफ का आचरण करेंगे। बाजवा ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह जेल जाने के लिए भी तैयार हैं।