- राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने रूल बुक फेंकी
- बाजवा किसानों के मुद्दे पर बात करना चाहते थे, मेज पर चढ़कर किया हंगामा
- कांग्रेस सांसद बाजवा ने कहा है कि उन्हें अपने इस हंगामे पर कोई अफसोस नहीं है
नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस मसले पर गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और भाजपा के अन्य सांसदों की चेयरमैन नायडू के साथ बैठक हुई है। इस बीच, 'टाइम्स नाउ नवभारत' के साथ बातचीत में बाजवा ने कहा, 'हमारी बात अगर नहीं सुनी जाएगी तो मैं 100 दफा इस तरह का काम करूंगा। मुझे कोई अफसोस नहीं है। अपनी बात सुनाने के लिए हम और रास्ता ढूंढेंगे।' कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिस समय उन्होंने रूल बुक फेंकी उस समय राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित थी। उन्होंने कहा कि निलंबन तो बहुत छोटी कार्यवाही है, किसानों के लिए वह जेल जाने के लिए भी तैयार हैं।
राज्यसभा में भावुक हुए नायडू
आज राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर कल की घटना पर सदन के सभापति वेंकैया नायडू भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में मंगलवार को जो कुछ हुआ उससे वह दुखी हैं, यह संसद का अपमान है। इससे सदन की गरिमा तार-तार हुई।
सरकार बात नहीं सुन रही-बाजवा
बाजवा का कहना है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। वह चाहते हैं कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को खत्म करे लेकिन संसद में इस पर चर्चा नहीं की जा रही है। ऐसे में अपनी बात सुनाने के लिए हंगामा करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि किसानों का मुद्दा उठाकर उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वहीं, सरकार ने विपक्षी सांसदों पर सदन की गरिमा तार-तार करने का आरोप लगाया है।
'गलत रणनीति' सदन में हंगामे की वजह बनी-जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की 'गलत रणनीति' सदन में हंगामे की वजह बनी है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को कमजोर करना चाहती है। वह तीन कृषि कानूनों पर विपक्ष को चर्चा करने से रोक रही है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने हंगामे का एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर चर्चा से भाग रही है।