- भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर सीधा प्रहार, आगे की लड़ाई को बताया निर्णायक
- नारी सम्मान पर खास जोर दिया है और खास तौर से नारी के प्रति इस्तेमाल होने वाली अपमानजनक भाषा को खत्म करने की अपील की है।
- नागिरकों को भी अपने कर्तव्य निभाना होगा।
PM Narendra Modi Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 2047 के भारत का विजन पेश कर दिया है। उन्होंने इस विजन में 5 प्रण, लोगों की आकांक्षाएं, नारी के प्रति सम्मान, भ्रष्टाचार पर निर्णायक लड़ाई और भाई-भतीजावाद के खात्मे को नए हथियार के रुप में पेश किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 2047 का भारत विकसित राष्ट्र होगा। जहां पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजवाद की कोई जगह नहीं होगी। और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जय अनुसंधान का मंत्र दिया है। भारत के लिए प्रधानमंत्री ने सरकार के साथ-साथ नागरिकों के कर्तव्य को भी अहम बताया है। यानी देश के नागरिकों को भी कर्तव्य निभाने होंगे। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री सहित सभी लोगों को नागरिक के रूप में काम करने होगा।
आकांक्षा को फटाफट पूरा करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश का हर नागरिक आकांक्षी है। और उसे पूरा होना वह अपने जीवन काल में चाहता है। इसलिए सरकारों को भी उनकी आकांक्षाओं को तेजी से पूरा करना होगा। प्रधानमंत्री ने उस मानसिकता से निकलने की बात की है, जिसमें आकांक्षाओं को लटकाया जाता है। उनका कहना है कि अब इसकी कोई जगह नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री इसके जरिए उस गरीब और वंचित तबके की आकांक्षाओं को पूरा करने की बात कर रहे हैं जो 75 साल के बाद अभी पिछड़ा हुआ है।
ये 5 प्रण पूरी करेंगे आकांक्षाएं
प्रधानमंत्री ने 2047 के भारत के लिए 5 प्रण करने की बात कही है। जिसमें पहला प्रण है कि भारत एक विकसित राष्ट्र होगा। यानी भारत विकासशील देश की कैटेगरी से विकसित देश के रूप में खड़ा होगा। इसके अलावा दूसरे प्रण के रूप में कहा है कि आजादी के 75 साल बाद भी, गुलामी की सोच से मुक्ति नहीं मिल पाई है। हमें उस सोच से निकलना होगा। और अपने नए मानक गढ़ने होंगे। जिससे कि आत्मगौरव का आभास हो सके।
उन्होंने तीसरे प्रण के रूप में विरासत पर गर्व होने की बात कही है। जिसमें योग से लेकर, प्रकृति के साथ जीवन जीने, वसुधैव कुटुंबकम, परिवार के महत्व जैसे विरासतों पर गर्व करने की बात कही है। जिससे भारतीय किसी से अपने को कम नहीं समझे। चौथा प्रण एकता और एकजुटता का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके जरिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा होगा।और पांचवीं अहम बात नागरिकों का कर्तव्य है। आने वाले 25 साल के लिए हमें इन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा।
नारी सम्मान पर खास जोर
इस बार के भाषण में प्रधानमंत्री ने नारी के सम्मान पर खास तौर पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर हमें अपने सपने पूरे करने हैं, तो उसमें नारी की अहम भूमिका होने वाली है। उन्होंने कहा कि मैं 2047 के भारत में नारी के अहम योगदान को देख रहा हूं। साथ में उन्होंने यह अपील की, लोगों को नारी के प्रति सम्मान करना होगा और नारी के प्रति कई बार जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल लोगों द्वारा किया जाता है। उसमें भी बदलाव लाने की बात की है।
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर प्रहार
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर भी प्रहार किया। उन्होंने कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में पहुंच गए हैं। और इस लड़ाई में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए उन्होंने जनता से सहयोग मांगा। साथ ही उन्होंने भाई-भतीजवाद को भी समस्या की बड़ी जड़ बताया। उन्होंने कहा कि न केवल राजनीति में बल्कि संस्थाओं में भी भाई-भतीजावाद ने पैठ बना ली है। उसे भी खत्म करने की जरूरत है।
81 मिनट के भाषण का राजनीतिक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लाल किले से 9 वीं बार भाषण दिया है। 81 मिनट का यह भाषण कई मायने में अलग था। इस बार भाषण में आतंकवाद, पाकिस्तान, विदेश नीति जैसी चीजों का जिक्र नहीं था। इसके अलावा उन्होंने अपने भाषण से राजनीतिक संदेश भी दे दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में भ्रष्टाचार की लड़ाई तेज होने वाली है। साफ है कि 2024 के चुनाव के पहले भाजपा के लिए यह बड़ा राजनीतिक संदेश है।
जहां तक 2047 के नए भारत की बात है तो प्रधानमंत्री ने अपना विजन पेश कर दिया है। और इसे हासिल करने के लिए उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि लक्ष्य केवल सरकारों के जरिए नहीं हासिल किया जा सकता है। बल्कि उसके लिए नागिरकों को भी अपने कर्तव्य को निभाना होगा।