- 1971 लोंगेवाला युद्ध के हीरो थे मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी
- पीएम मोदी ने कुलदीप सिंह चांदपुरी को याद कर दिलाई 1971 युद्ध की याद
- 1971 के इस युद्ध में पाकिस्तान को मिली थी करारी शिकस्त
नई दिल्ली: हर बार की तरह प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी सैनिकों के बीच में दिवाली मनाने के लिए जैसलमेर की लोंगेवाला सीमा पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सैनिकों का हालचाल जाना। इसके बाद जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में 1971 में लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई को याद किया। यह मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ही थे, जिनके साहस पर बनी बॉर्डर फिल्म में सनी देओल ने उनकी भूमिका निभाई थी।
पीएम ने किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यहां इस पोस्ट पर दिखाए गए पराक्रम की गूंज ने दुश्मन का हौसला तोड़ दिया। उस वक्त क्या पता था कि यहां उसका सामना मां भारती के शक्तिशाली बेटे-बेटियों से हो रहा है। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में भारतीय वीरों ने टैंकों से लैस दुश्मन के सैनिकों को धूल चटा दी थी। उनके मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने मेजर कुलदीप की बहादुरी को नमन करते हुए कहा कि उनके माता-पिता ने नाम रखते हुए कुल के दीपक के बारे में सोचा होगा। लेकिन उन्होंने नाम को ऐसे सार्थक किया कि कुलदीप नहीं राष्ट्रदीप हो गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सब से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान ने हमारे देश की पश्चिमी सीमाओं पर मोर्चा खोल दिया। पाकिस्तान को लगा कि पश्चिमी सीमाओं पर मोर्चा खोल देने से बांग्लादेश को लेकर किए जाने वाले पाप छिप जाएंगे। लेकिन भारतीय सैनिकों ने जो मुंहतोड़ जवाब दिया, उससे पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।
कौन थे मेजर कुलदीप
वो मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ही थे जिन्होंने रेगिस्तान की सर्द रात में पाकिस्तानी फौज के सैकड़ों जवानों के राजस्थान में घुसने के सपनों को न केवल चकनाचूर कर दिया था बल्कि उन्हें ऐसी बुरी शिकस्त दी थी जिसे पाकिस्तान आज तक नहीं भुला पाया। रिटायर होने के बाद पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मेजर चांदपुरी ने कहा था. '35 टी टैंकों के साथ आये पाकिस्तान के सैकड़ों जवानों को रोककर रखने और लोंगेवाला से आगे नहीं बढ़ने देने में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लडे़ जवानों की सर्वाधिक प्रशंसनीय भूमिका रही'