- भारत क्या कर सकता है, दुनिया ने इसे लद्दाख में देखा है: प्रधानमंत्री मोदी
- जो लोग भारत की संप्रभुता को चुनौती देते हैं, उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दिया गया है: मोदी
- भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है: PM मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए बिना पाकिस्तान और चीन का नाम लिए दोनों देशों को कड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि एलओसी से लेकर एलएसी तक हमारे जवान पूरी तरह मुश्तैद हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर देश को चुनौती दी गई। लेकिन LOC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है। भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है।
मोदी ने कहा, 'हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं।' पीएम ने कहा कि देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है। हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज गति से विस्तार हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे पड़ोसी न केवल वे हैं जिनके साथ हम अपनी भौगोलिक सीमाओं को साझा करते हैं, बल्कि वे भी हैं जिनके साथ हमारे दिल मिलते हैं। इनसे से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है।