नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी, कांग्रेस सहित विपक्ष पर जमकर तंज कसा। करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण में पीएम ने अनुच्छेद 370 और सीएए के विरोध पर अपनी दलीलों एवं तर्कों के दम पर विपक्षी पार्टियों को नि:शब्द कर दिया। अपने भाषण के दौरान पीएम ने राहुल गांधी, शशि थरूर और अधीर रंजन चौधरी पर तंज कसे और कई मौकों पर अपने हाजिर जवाबी एवं मजाकिया लहजे से सदस्यों को ठहाका लगाने के लिए मजबूर किया। एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के मुख्य अंशों पर-
'खा रबड़ी, कर कसरत'
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राहुल गांधी से मुखातिब होते हुए पीएम ने लोकसभा सदस्यों को एक किस्सा सुनाया। पीएम ने कहा कि बुधवार को यहां स्वामी विवेकानंद के कंधों से बंदूकें फोड़ी गईं। मैं एक किस्सा सुनाता हूं- एक बार कुछ लोग रेल में सफर कर रहे थे। रेल जैसे गति पकड़ती थी, तो पटरी से आवाज आती थी। वहां बैठे हुए एक संत महात्मा बोले कि देखो पटरी से कैसी आवाज आ रही है। पटरी भी हमें कह रही है कि 'प्रभु कर दे बेड़ा बार'। दूसरे संत ने कहा कि मुझे सुनाई दे रहा है 'प्रभु तेरी लीला अपरंपार है।' वहां मौजूद मौलवी ने कहा कि उन्हें 'अल्ला तेरी रहमत रहे' सुनाई दे रहा है। पहलवान ने कहा कि उसे तो सुनाई दे रहा है 'खा रबड़ी कर कसरत..खा रबड़ी कर कसरत।' पीएम मोदी के इस बयान पर सदन ठहाकों से गूंज पड़ा।
'लो ट्यूब लाइट के साथ ऐसा ही होता है'
कांग्रेस संसद राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर तीखा हमला किया। राहुल ने कहा कि छह महीने बाद देश के युवा रोजगार के लिए डंडा मारेंगे। उनके इस बयान का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने कल मुझे डंडा मारने का बयान दिया। गाली सुन-सुन कर मैंने खुद को 'गालीप्रूफ' बना लिया है। छह महीने का समय ठीक-ठाक है अब मैं डंडे खाने के लिए खुद को 'डंडाप्रूफ' भी बना लूंगा। मैं इन छह महीनों में सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। पीएम की इस बात पर सदन में एक बार ठहाके की गूंज सुनाई पड़ा लेकिन राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया थोड़े समय बाद दी। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि 'लो ट्यूबलाइट के साथ ऐसा ही होता है।'
माननीय सदस्यों की आत्मा छूना चाहता हूं, यदि है तो...
अनुच्छेद 370 पर बयानबाजी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने पांच अगस्त को बयान दिया कि यह अनुच्छेद हटाकर भारत ने उनके साथ धोखा किया। आज लगता है कि भारत के साथ जम्मू-कश्मीर की विलय की बात सही नहीं थी। पीएम ने पूछा कि महबूबा का इस तरह के बयान को क्या यह संसद स्वीकार कर सकती है। एक नेता (ओवैसी का नाम लिए बगैर) हैं जो कहते हैं कि सरकार की नजर कश्मीरी लोगों पर नहीं बल्कि वहां की जमीन पर है। पीएम ने कहा, मैं यह बता देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का मुकुटमणि है।
'शशि थरूर आप तो जम्मू-कश्मीर के दामाद हैं'
पीएम ने कहा कि कांग्रेस के नेता शशि थरूर अनुच्छेद-370 हटाए जाने का विरोध किया। उन्हें यह बात समझ में नहीं आती कि थरूर ने इसका विरोध क्यों किया। पीएम ने पूछा-थरूर आप तो जम्मू-कश्मीर के दामाद हैं, आपको वहां की स्थितियों के बारे में ज्यादा अच्छी जानकारी है। बता दें कि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर कश्मीर से थीं जिनका कुछ सालों पहले दिल्ली के एक होटल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
सीएए पर पीएम मोदी ने नेहरू का किया जिक्र
पीएम ने कहा कि 5 नवंबर 1950 को इसी संसद में नेहरू जी ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए। 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ, जो भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए हुआ। इस समझौते में धार्मिक अल्पसंख्यकों का जिक्र हुआ था। नेहरू जी इनते बड़े विचारक थे, फिर उन्होंने उस समय वहां के अल्पसंख्यकों की जगह, वहां के सारे नागरिक को समझौते में शामिल क्यों नहीं किया? जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी की भी थी।