- PM मोदी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बेलूर मठ में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने रामकृष्ण परमहंस को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
- नागरिकता कानून पर अफवाहें फैलाकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है: PM मोदी
- पीएम मोदी की कोलकाता यात्रा का आज दूसरा दिन है। शनिवार को की थी ममता बनर्जी से मुलाकात
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोलकाता यात्रा का आज दूसरा दिन है। शनिवार देर शाम पीएम मोदी रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ पहुंचे और रात में वहीं रुके। आज सुबह उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने यहां संतों और भिक्षुओं से भी मुलाकात की। आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है, इसी मौके पर यहां पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए हैं।
यहां पीएम मोदी ने कहा, 'आप सभी को स्वामी विवेकानंद जयंती के इस पवित्र अवसर पर, राष्ट्रीय युवा दिवस पर, बहुत-बहुत शुभकामनाएं। देशवासियों के लिए बेलूर मठ की इस पवित्र भूमि पर आना किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं है, लेकिन मेरे लिए तो हमेशा से ही ये घर आने जैसा ही है। पिछली बार जब यहां आया था तो गुरुजी, स्वामी आत्मआस्थानंद जी के आशीर्वचन लेकर गया था। आज वो शारीरिक रूप से हमारे बीच विद्यमान नहीं हैं। लेकिन उनका काम, उनका दिखाया मार्ग, रामकृष्ण मिशन के रूप में सदा हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।'
मोदी ने कहा, 'स्वामी विवेकानंद जी की वो बात हमें हमेशा याद रखनी होगी जब वो कहते थे कि अगर मुझे 100 ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो मैं भारत को बदल दूंगा। यानि परिवर्तन के लिए हमारी ऊर्जा, कुछ करने का जोश ही आवश्यक है। युवा जोश, युवा ऊर्जा ही 21वीं सदी के इस दशक में भारत को बदलने का आधार है। नए भारत का संकल्प, आपके द्वारा ही पूरा किया जाना है। ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, उनसे टकराओ, उन्हें सुलझाओ।'
नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि CAA को लेकर युवाओं के मन में सवाल भरे गए। सरकार ने रातों रात कानून नहीं बनाया है। इस पर युवा गलतफहमी का शिकार हैं। ये कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता लेने के लिए नहीं। इस कानून को लेकर कई भ्रम हैं। गलतफहमियों को दूर करना चाहिए। लोगों में कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। आजादी के बाद महात्मा गांधी जी और उस समय के अन्य बड़े नेताओं का मानना था कि भारत को पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देनी चाहिए। कुछ लोग इसे समझना ही नहीं चाहते। नागरिकता को आसानी से देने के लिए कानून लाया गया है।
युवा भले ही संशोधित नागरिकता कानून को समझ जाएं लेकिन इस पर राजनीति करने की इच्छा रखने वाले लोग इसे नहीं समझेंगे। किसी भी धर्म से संबंधित व्यक्ति, ईश्वर में विश्वास करता है या नहीं। लेकिन देश के संविधान में विश्वास करता है तो उसे नागरिकता मिल सकती है। हमें नॉर्थ ईस्ट पर गर्व है। हमें उनकी विरासत और संस्कृति पर गर्व है। इस CAA का नॉर्थ ईस्ट पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस कानून की मदद से हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेपर्दा कर दिया। आज मेरी पहल के कारण पाकिस्तान अब यह जवाब देने के लिए मजबूर है कि उन्होंने 70 साल तक अल्पसंख्यकों को क्यों सताया।