मुख्य बातें
- पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, जो 6 घंटे से ज्यादा लंबी चली
- बैठक में लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी राय रखी
- PM ने लॉकडाउन और आर्थिक गतिविधियों पर आगे की रणनीति के लिए राज्यों से सुझाव मांगा है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की और कोविड 19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में आगे की राह पर चर्चा की। ये बैठक 6 घंटे से ज्यादा लंबी चली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अर्थव्यवस्था पर रोडमैप के लिए राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर उचित ध्यान दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि जीवन का नया मार्ग 'जन से लेकर जग तक' के सिद्धांत पर होगा।
यहां पढ़ें बैठक में पीएम मोदी द्वारा कही गईं प्रमुख बातें:
- मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि 15 मई तक आप मेरे साथ एक व्यापक रणनीति साझा करिए कि आप अपने-अपने राज्यों में लॉकडाउन से कैसे निपटेंगे। मैं चाहता हूं कि राज्यों द्वारा एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाए, जिसमें हो कि लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील देने के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से कैसे निपटना है।
- जैसे ही हम लॉकडाउन से बाहर आने की बात करते हैं तो हमें लगातार याद रखना चाहिए कि अभी तक हमने टीका या समाधान नहीं ढूंढा है। अभी तक वायरस से लड़ने के लिए हमारे पास सबसे बड़ा हथियार सामाजिक दूरी ही है।
- लॉकडाउन के पहले चरण अपनाए गए जरूरी उपायों की दूसरे चरण के दौरान जरूरत नहीं थी और इसी तरह तीसरे चरण में अपनाए गए जरूरी उपायों की चौथे में जरूरत नहीं है।
- ट्रेन सेवाएं फिर शुरू होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्थिक गतिविधि बढ़ाना जरूरी है, लेकिन सारे मार्गों पर ट्रेनें नहीं चलेंगी।
- भारत को कोविड 19 युग के बाद उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाना चाहिए साथ ही हमें नई दुनिया की वास्तविकता के लिए भी योजना बनानी चाहिए।
- पर्यटन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने घरेलू पर्यटन की क्षमता देखी है, लेकिन हमें इसके बारे में सोचने की आवश्यकता है।
- पीएम मोदी ने नीति निर्माताओं से यह भी ध्यान में रखने को कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण और सीखने के नए मॉडल को कैसे अपनाया जाए।
- हमें विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। मानसून की शुरुआत के बाद, कई गैर-कोविड 19 बीमारियों का प्रसार होगा, जिसके लिए हमें अपनी चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार और मजबूत करना होगा।
- हमारे पास दोहरी चुनौती है- बीमारी की ट्रांसमिशन दर को कम करना और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए धीरे-धीरे सार्वजनिक गतिविधि को बढ़ाना और हमें इन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना होगा। हमें ग्रामीण भारत में संक्रमण फैलने से रोकना होगा।
- हमें यह समझना चाहिए कि दुनिया कोविड 19 के बाद मौलिक रूप से परिवर्तित हुई है। अब विश्व युद्ध के मामले की तरह ही प्री-कोरोना, पोस्ट-कोरोना होगा और यह महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा कि हम कैसे कार्य करते हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID 19 के खिलाफ देश की लड़ाई में और बहुमूल्य सुझावों के लिए मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया।