- सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे- पीएम मोदी
- पीएम बोले- एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करते हुए आज देश में संवैधानिक एकीकरण का महायज्ञ चल रहा है
- आजादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है- पीएम
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel Birth Anniversary) के अवसर पर गुजरात के केवड़िया स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में रिकॉर्डेड संदेश के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल जिसने समर्पित किया, ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजली दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं है। यह एक ऐसा राष्ट्र है जो आदर्शों, संकल्पों, सभ्यता, संस्कृति के मानकों से भरा है। जिस भूमि में हम 135 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, हमारे सपनों, हमारी आकांक्षाओं का एक अभिन्न अंग है'
पीएम ने बताया सरदार पटेल का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं, बल्कि हम देश वासियों के हृदय में भी हैं। आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं। ये भावना देश के कोने-कोने में हो रही, राष्ट्रीय एकता परेड में, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हो रहे आयोजनों में भली भांति देख रहे हैं। धरती के जिस भूभाग पर हम 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, सपनों, आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है।सैकड़ों वर्षों से भारत के समाज, परंपराओं से लोकतंत्र की जो मजबूत बुनियाद विकसित हुई उसने एक भारत की भावना को समृद्ध किया है'
नई राह पर चल पड़ा है भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारत अपने हितों की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर के नए मिशन पर चल पड़ा है। ऐसे समय में सरदार साहब की बात अवश्य याद रखनी चाहिए। एकता की कमी, जहां नए संकट लाती है, सबका सामूहिक प्रयास देश को नई ऊंचाई पर ले जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि आजाद भारत में जहां सबका प्रयास था.. आजादी का यह अमृतकाल कठिन लक्ष्यों को प्राप्त करने का है। सरदार साहब के एक भारत का मतलब था कि सभी के लिए एक समान अवसर हो, सब के लिए एक समान सपने देखने का अवसर हो।'
समान अधिकार को लेकर कही बड़ी बात
पीएम मोदी ने कहा, 'आज जब हम एक भारत की बात की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप होना चाहिए- एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अधिक अवसर हो, एक ऐसा भारत जहां दलित, आदिवासी, वंचित और अन्य खुद को एकसमान महसूस करे। एक ऐसा भारत जहां बिजली पानी की सुविधाओं में भेदभाव नहीं बल्कि एक समान अधिकार हो। इसी दिशा में तो आज देश काम कर रहा है, क्योंकि इसमें सबका प्रयास जुड़ा होता है। जब सबका प्रय़ास होता है तो इसका क्या परिणाम होता है ये हमने कोविड काल में देखा है। नए अस्पतालों के निर्माण, वेटिंलेटर, वैक्सीनेशन आदि इसके उदाहरण हैं।'