- पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
- ढाका में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद व हिंसक गतिविधियों को लेकर निशाना साधा
- बांग्लादेश ने पीएम मोदी को इस कार्यक्रम के लिए ढाका आमंत्रित किया था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उन्होंने अपनी यात्रा टाल दी थी
नई दिल्ली : बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ढाका आमंत्रित किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उन्होंने अपनी बांग्लादेश यात्रा टाल दी थी। पीएम मोदी मंगलवार को एक वीडियो लिंक के जरिये बांग्लादेश के संस्थापक के जन्मशती समारोह में शामिल हुए, जिस दैरान उन्होंने भारत-बांग्लादेश संबंधों की मजबूती का जिक्र किया तो पाकिस्तान पर भी निशाना साधा।
ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में शुरू हुए समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'एक दमनकारी, अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, ये हम सभी भली-भांति जानते हैं।' साफ तौर पर उनका इशारा बांग्लादेश के अस्तित्व में आने से पहले यहां पाकिस्तानी हुक्मरानों द्वारा किए गए जुल्मों की तरफ था।
पाक पर निशाना
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'याद कीजिये एक अत्याचारी शासन ने किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया... आतंक और हिंसा के वो समर्थक आज कहां हैं, किस हाल में हैं और दूसरी तरफ ये हमारा बांग्लादेश किस ऊंचाई पर पहुंच रहा है। ये भी दुनिया देख रही है।'
उन्होंने कहा, 'उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो जनसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक सकारात्मक और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए उन्होंने (शेख मुजीबुर-रहमान) अपना पल-पल समर्पित कर दिया था। वह पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।'
भारत बांग्लादेश के रिश्ते
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उन्हें इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित किया था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। ऐसे में शेख हसीना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने के लिए कहा। भारत-बांग्लादेश संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हुए हैं और आपसी साझेदारी बढ़ी है।
उन्होंने यह भी कहा, 'हमारी विरासत टैगोर की है, काजी नजरुल इस्लाम, उस्ताद अलाउद्दीन खान, लालॉन शाह, जीबानंदा दास और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे मनीषियों की है। इस विरासत को बंगबंधु की प्रेरणा, उनकी विरासत ने और व्यापकता दी है।' उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार और सबसे बड़ा डेवलपमेंट पार्टनर भी है। उन्होंने कहा कि भारत में बनी बिजली से बांग्लादेश के लाखों घर और फैक्ट्रियों में रोशनी हो रही है।