- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर बयान दिया है
- चीन से लगी सीमा पर हमारे सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे: PM मोदी
- भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाए जाने पर जवाब देने में सक्षम है: PM मोदी
नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है। देश को इस बात पर गर्व होगा कि हमारे दिवंगत शहीद मारते-मारते मरे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले जवानों को 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज पीएम मोदी कोरोना संकट पर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। बैठक शुरू होने से पहले उन्होंने ये बात कही और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोनिया गांधी ने पूछे ये सवाल
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहीद हुए 20 जवानों को नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आएं और मौजूदा स्थिति के बारे में सच एवं तथ्यों के आधार पर देश को भरोसे में लें। उन्होंने यह सवाल भी किया कि चीन ने कितने हिस्से पर कब्जा किया है और हमारे जवानों की शहादत क्यों हुई? सोनिया ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'हमारे 20 जवानों की शहादत ने देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सभी बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। साथ ही प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवारों को यह दुख सहने की शक्ति मिले। आप सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ महीने से चीन की सेना ने लद्दाख में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रखी है। जब देश में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है तो प्रधानमंत्री को सामने आकर यह बताना चाहिए कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया और 20 सैनिकों की शहादत क्यों हुई?'
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने प्रधानमंत्री से यह सवाल भी किया कि आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे कोई सैन्य अधिकारी या सैनिक अब भी लापता हैं? हमारे कितने अधिकारी और सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहां-कहां कब्जा कर रखा है? इस परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार की नीति क्या है?